लखीमपुर खीरी। जनपद के विभिन्न गावों में बाघ की दहशत से लोग खौफजदा हैं। बाघ को पकड़ने के लिए अब नाइट विजन कैमरों का उपयोग किया जा रहा है। नाइट विजन कैमरों से अब क्षेत्र की निगरानी की जायेगी। महेशपुर रेंज की बिलहरी और आंवला बीट के दर्जनों गांवों में बाघ का आतंक है। इमलिया और मूड़ा अस्सी में बाघ के हमले से हुई घटना के चलते दहशत में लोग जीने को मजबूर हैं। किसान जानवरों का चारा लेने के लिये खेतों पर नहीं जा पा रहे हैं। बच्चे भी गांवों में प्राइमरी स्कूलो में पढ़ने के लिये नहीं जा रहे हैं। मजदूर भी खेतों में काम करने के लिये कतरा रहे हैं।
जिससे उनकी रोजी रोटी का संकट मंडराने लगा है। वहीं वन विभाग, ट्रैंकुलाइजर टीम के सदस्य भी बाघ को अतिशीघ्र ही पकड़ने के लिये कमर कसे हुये हैं। इतना ही नहीं वन विभाग के वन क्षेत्राधिकारी नरेशपाल सिंह की अगुवाई में रात-दिन बाघ की चहलकदमी करने की लोकेशन कलेक्ट करने में वनकर्मी लगे हुये हैं।
रविवार को सुबह से ही लगभग डेढ़ दर्जन कैमरे बाघ प्रभावित क्षेत्रों, पिजड़ों के पास लगाये गये हैं, जिससे रात में भी बाघ की स्पष्ट लोकेशन की जानकारी मिल सकेगी। टीम की अगुवाई कर रहे डिप्टी रेंजर रामनरेश वर्मा ने बताया कि रविवार को केवल बिलहरी बीट के गांवों से लगभग आधा दर्जन ग्रामीणों के द्वारा बाघ की चहलकदमी की भी सूचना दी गई।
जिसको अलग अलग टीम बनाकर बाघ की लोकेशन ट्रेस करने के लिये भेजा गया है, लेकिन बाघ हर बार की तरह चकमा देकर फरार हो जाता है। फिलहाल नाइट विजन के आसपास वन दरोगा जगदीश वर्मा, माया प्रकाश वर्मा, रोहित श्रीवास्तव, उमर खान, वाचर सचिन वर्मा, रोहित सिह, संजय, धीरेन्द्र को लगाया गया है।