लखनऊ : गौतम बुद्ध नगर के जेवर में बना नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट अब यात्रियों के लिए और सुलभ होने जा रहा है। एयरपोर्ट की जल्द शुरुआत होनी है और इससे पहले सरकार ने यात्रियों, पर्यटकों और उद्योगों के लिए तेज, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल पहुंच सुनिश्चित करने हेतु मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी तैयार कर ली है।
एयरपोर्ट सीधे यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ा है, जबकि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (बल्लभगढ़ लिंक) से हरियाणा और पश्चिम भारत से पहुंचना और आसान होगा। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के जरिये गाजियाबाद, मेरठ और पलवल से सीधी राह मिलेगी। औद्योगिक और मालवाहक ट्रैफिक के लिए उत्तर और पूर्व एक्सेस रोड लगभग तैयार हैं, वहीं सेक्टर-28 की 60 मीटर चौड़ी सड़क को भी एक्सप्रेसवे से जोड़ दिया गया है। रेल मार्ग से भी एयरपोर्ट पहुंचने की तैयारी तेज है।
दिल्ली से जेवर तक रीजनल रैपिड रेल परियोजना का डीपीआर मंजूर हो चुका है। साथ ही दिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर में जेवर स्टेशन का प्रावधान किया गया है। रेल मंत्रालय एयरपोर्ट को चोला-रुंधी लाइन से जोड़ने की योजना पर भी काम कर रहा है।
अंतिम माइल कनेक्टिविटी के लिए 500 इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी, जो नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना सिटी को एयरपोर्ट से जोड़ेंगी। राज्य सरकार और कई राज्यों के बीच अंतरराज्यीय बस सेवा की सहमति बन चुकी है। यात्रियों की सुविधा के लिए महिंद्रा लॉजिस्टिक्स की एनआईए ब्रांडेड कैब, साथ ही ओला, उबर, रैपिडो जैसी ऐप आधारित टैक्सी सेवाएं शुरू होने जा रही हैं। कार रेंटल और ड्राइवर सहित गाड़ियों की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) के संचालन की दिशा में बड़ा कदम गुरुवार से शुरू हो गया है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की टीम यहां दो दिनों तक कैलिब्रेशन फ्लाइट ट्रायल करेगी। यह ट्रायल एयर नेविगेशन, संचार प्रणाली, रनवे लाइटिंग और सुरक्षा मानकों की जांच के लिए किया जा रहा है।
अधिकारियों के अनुसार, दो दिनों में कुल पांच विमानों की टेकऑफ और लैंडिंग की जाएगी। इसमें रनवे, एप्रन, टैक्सीवे और एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम की कार्यक्षमता परखने के साथ सभी उपकरणों की सटीकता की जांच होगी। सफल ट्रायल के बाद एयरपोर्ट को एयरड्रोम लाइसेंस मिलने का रास्ता खुल जाएगा। जेवर एयरपोर्ट को नवंबर अंत तक औपचारिक रूप से शुरू करने की तैयारी है।








