Mathura Election Result: मांट में 8 बार के विधायक को शिकस्त देकर बीजेपी के राजेश चौधरी ने मारी बाजी

0
19

[ad_1]

संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Thu, 10 Mar 2022 10:15 PM IST

सार

भाजपा प्रत्याशी राजेश चौधरी ने आठ बार के विधायक श्यामसुंदर शर्मा की किलेबंदी तोड़ दी है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर में भी श्यामसुंदर शर्मा ने जीत दर्ज की थी।
 

भाजपा प्रत्याशी राजेश चौधरी

भाजपा प्रत्याशी राजेश चौधरी
– फोटो : अमर उजाला

पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।

ख़बर सुनें

मोदी लहर में भी अजेय रहने वाले राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले श्यामसुंदर शर्मा की किलेबंदी योगी लहर में टूट गई। भाजपा के राजेश चौधरी ने आठ बार के विधायक को पटखनी देकर मांट विधानसभा में इतिहास रचकर कमल खिला दिया। भाजपा नेतृत्व के विश्वास पर खरा उतरे राजेश ने यह सीट भाजपा की झोली में डाल दी है।

1989 से लगातार रहे विधायक

श्याम सुंदर शर्मा मांट सीट से 1989 से लगातार विधायक हैं। वह विभिन्न राजनीतिक दलों के अलावा निर्दलीय भी जीतते रहे। अयोध्या में राममंदिर निर्माण को लेकर पूरे सूबे में रामलहर थी, लेकिन तब भी मांट विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में श्यामसुंदर शर्मा ने जीत दर्ज करके अपनी ताकत का एहसास कराया था। उसके बाद से वह लगातार विधायक बनते रहे।

मोदी लहर में हाथी पर हुए सवार 

साल 2017 में सूबे में मोदी लहर में भी वह हाथी पर सवार होकर विधानसभा पहुंचे थे। लगातार आठ बार विधायक रहने के बाद इस बार भाजपा के उम्मीदवार राजेश चौधरी ने उन्हें पटखनी देकर इतिहास रच दिया। भाजपा नेतृत्व ने पहली बार युवा चेहरे राजेश चौधरी पर पूरा विश्वास जताया। इसके लिए उन्हें पूर्व में प्रत्याशी रहे एसके शर्मा का विरोध भी झेलना पड़ा। एसके शर्मा बागी होकर मथुरा विधानसभा से हाथी पर सवार हो गए। इसके बावजूद राजेश चौधरी ने इतिहास रच दिया। हालांकि इस सीट के लिए प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने चुनाव से पहले व बाद में जनसभाएं की थीं। इसके अलावा केंद्र के मंत्री व भाजपा संगठन के पदाधिकारियों ने रात दिन एक कर दिया था।

जयंत से हार के बाद ही जीत का अंतर होने लगा था कम

2012 के विधानसभा चुनाव में रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने श्यामसुंदर शर्मा का तिलिस्म तोड़ते हुए यहां से जीत दर्ज की थी। लेकिन बाद में सांसद होने के चलते उन्होंने यह सीट छोड़ दी थी। इसके बाद हुए उपचुनाव में श्यामसुंदर शर्मा जीत दर्ज करके सातवीं बार विधानसभा पहुंचे। हालांकि यहां से उनकी जीत का अंतर कम होने लगा था। वह महज पांच हजार वोट से ही जीते थे। 2017 में यह अंतर 432 वोट तक ही सीमित रह गया। इस बार राजेश चौधरी ने उन्हें साढ़े सात हजार मतों से हरा दिया। 

जाट बहुल मांट से पहली बार जाट ने लहराया परचम

जाट बहुल मानी जाने वाली मांट विधानसभा सीट से पहली बार जाट प्रत्याशी राजेश चौधरी ने परचम लहराया है। 1952 व 57, 67 और 69 में लक्ष्मीरमण आचार्य, 1962,77 में राधेश्याम शर्मा (दोनों ब्राह्मण), 1974 में चंदन सिंह (ठाकुर), 1980 में लोकमणि शर्मा (ब्राह्मण), 1985 में कुशल पाल सिंह(ठाकुर), 89 से 2017 तक श्यामसुंदर शर्मा (ब्राह्मण) का कब्जा रहा। हालांकि जयंत चौधरी ने 2012 में जाट प्रत्याशी के रूप में जीत तो दर्ज की थी, लेकिन उन्होंने विधानसभा नहीं पहुंचने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था।

यह भी पढ़ें -  Allahabad High Court : धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के मामले में वाराणसी के पूर्व बीएसए को राहत

विस्तार

मोदी लहर में भी अजेय रहने वाले राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले श्यामसुंदर शर्मा की किलेबंदी योगी लहर में टूट गई। भाजपा के राजेश चौधरी ने आठ बार के विधायक को पटखनी देकर मांट विधानसभा में इतिहास रचकर कमल खिला दिया। भाजपा नेतृत्व के विश्वास पर खरा उतरे राजेश ने यह सीट भाजपा की झोली में डाल दी है।

1989 से लगातार रहे विधायक

श्याम सुंदर शर्मा मांट सीट से 1989 से लगातार विधायक हैं। वह विभिन्न राजनीतिक दलों के अलावा निर्दलीय भी जीतते रहे। अयोध्या में राममंदिर निर्माण को लेकर पूरे सूबे में रामलहर थी, लेकिन तब भी मांट विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में श्यामसुंदर शर्मा ने जीत दर्ज करके अपनी ताकत का एहसास कराया था। उसके बाद से वह लगातार विधायक बनते रहे।

मोदी लहर में हाथी पर हुए सवार 

साल 2017 में सूबे में मोदी लहर में भी वह हाथी पर सवार होकर विधानसभा पहुंचे थे। लगातार आठ बार विधायक रहने के बाद इस बार भाजपा के उम्मीदवार राजेश चौधरी ने उन्हें पटखनी देकर इतिहास रच दिया। भाजपा नेतृत्व ने पहली बार युवा चेहरे राजेश चौधरी पर पूरा विश्वास जताया। इसके लिए उन्हें पूर्व में प्रत्याशी रहे एसके शर्मा का विरोध भी झेलना पड़ा। एसके शर्मा बागी होकर मथुरा विधानसभा से हाथी पर सवार हो गए। इसके बावजूद राजेश चौधरी ने इतिहास रच दिया। हालांकि इस सीट के लिए प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने चुनाव से पहले व बाद में जनसभाएं की थीं। इसके अलावा केंद्र के मंत्री व भाजपा संगठन के पदाधिकारियों ने रात दिन एक कर दिया था।

जयंत से हार के बाद ही जीत का अंतर होने लगा था कम

2012 के विधानसभा चुनाव में रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने श्यामसुंदर शर्मा का तिलिस्म तोड़ते हुए यहां से जीत दर्ज की थी। लेकिन बाद में सांसद होने के चलते उन्होंने यह सीट छोड़ दी थी। इसके बाद हुए उपचुनाव में श्यामसुंदर शर्मा जीत दर्ज करके सातवीं बार विधानसभा पहुंचे। हालांकि यहां से उनकी जीत का अंतर कम होने लगा था। वह महज पांच हजार वोट से ही जीते थे। 2017 में यह अंतर 432 वोट तक ही सीमित रह गया। इस बार राजेश चौधरी ने उन्हें साढ़े सात हजार मतों से हरा दिया। 

जाट बहुल मांट से पहली बार जाट ने लहराया परचम

जाट बहुल मानी जाने वाली मांट विधानसभा सीट से पहली बार जाट प्रत्याशी राजेश चौधरी ने परचम लहराया है। 1952 व 57, 67 और 69 में लक्ष्मीरमण आचार्य, 1962,77 में राधेश्याम शर्मा (दोनों ब्राह्मण), 1974 में चंदन सिंह (ठाकुर), 1980 में लोकमणि शर्मा (ब्राह्मण), 1985 में कुशल पाल सिंह(ठाकुर), 89 से 2017 तक श्यामसुंदर शर्मा (ब्राह्मण) का कब्जा रहा। हालांकि जयंत चौधरी ने 2012 में जाट प्रत्याशी के रूप में जीत तो दर्ज की थी, लेकिन उन्होंने विधानसभा नहीं पहुंचने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here