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अमर उजाला ब्यूरो, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Thu, 17 Mar 2022 11:46 AM IST
सार
होली पर होलिका दहन का विशेष महत्व है। होलिका दहन आज 17 मार्च को शुभ मुहूर्त में किया जाएगा। वहीं इस बार होली गजकेसरी, दामिनी, त्रिशक्ति योग में खेली जाएगी।
होलिका दहन (फाइल फोटो)
– फोटो : amar ujala
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विस्तार
शहर में विभिन्न चौराहों पर आज फाल्गुन माह की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाएगा. वहीं चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि यानि 18 मार्च को रंगों की होली खेली जाएगी। इस बार होली पर गजकेसरी, दामिनी, त्रिशक्ति तीन शुभ योग बन रहे हैं, जो काफी शुभ माने जाते हैं।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय ने बताया कि इस बार दहन का शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में सायं में 6:43 से 9:08 बजे तक होगा। रात्रि 1:09 के बाद भी दहन किया जा सकेगा। महिलाओं के लिए होलिका पूजन का मुहूर्त पूर्वाह्न 11:44 बजे से दोपहर 1:20 बजे तक है। इस बार बृहस्पतिवार को पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र बन रहा है।
भद्रा की पूंछ का रहेगा प्रभाव
ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय ने बताया कि होली पर कई शुभ योग बन रहे हैं। गजकेसरी योग, दामिनी योग, त्रिशक्ति योग के साथ सूर्य मीन राशि में और चंद्रमा सिंह राशि में गोचर करेंगे। रात के समय भद्रा की पूंछ का प्रभाव है, परंतु भद्रा पूंछ में भी होलिका दहन किया जा सकता है, इसमें किसी प्रकार का दोष नहीं है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि फाल्गुन की पूर्णिमा पर होने वाले होलिका दहन से आसपास की नकारात्मक शक्तियों का नाश हो जाता है।
पूजन की विधि
प्राचीन सिद्धि विनायक मंदिर के महंत पंडित ज्ञानेश शास्त्री ने बताया कि सर्वप्रथम गणेशजी का स्मरण करके होली के स्थान पर गंगाजल छिड़क कर पवित्र करें। सूखे उपले, लकड़ी, गूलरी की माला से सजाएं। तांबे के लोटे में जल के साथ रोली, चावल, कच्चा सूत, गुलाल, चने व गेहूं की बालियां थाली में सजाएं। गूलरी की चार मालाएं रखनी चाहिए। एक पितरों की, दूसरी हनुमान जी, तीसरी शीतला माता और चौथे अपने परिवार की। कच्चे सूत को हाथ में लेकर होलिका की सात बार परिक्रमा लगानी चाहिए। सभी सामान से होली का पूजन करें। धूप दीप से आरती करें। गुझिया, गुड़ और मिष्ठान्न से भोग लगाएं।
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