कानपुर में धुलैंडी के दिन खत्म नहीं होती होली: यहां सात दिन तक खेला जाता है रंग, जानें वजह

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Sat, 19 Mar 2022 01:11 PM IST

सार

इस वर्ष गंगा मेला की 81 वर्षगांठ मनाई जाएगी। हटिया के रज्जन बाबू पार्क से मेला उठता है और विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए सरसैया घाट सिविल लाइंस में समाप्त होता है।

गंगा मेला (फाइल फोटो)

गंगा मेला (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला

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विस्तार

कानपुर में 23 मार्च को अनुराधा नक्षत्र के दिन एक बार फिर जमकर होरियारे रंग खेलेंगे। इस दिन एतिहासिक पर्व गंगा मेला का आयोजन किया जाता है। रंगों से भरे ड्रम के ठेले पूरे शहर में घूम-घूमकर लोगों पर रंग बरसाते हैं।

यह नजारा सिर्फ कानपुर में ही देखा जा सकता है। कानपुर में रंग खेलना होलिका दहन से शुरू होकर गंगा मेला तक जारी रहता है। सात से आठ दिन तक लगातार रंग खेला जाता है। इस बार अनुराधा नक्षत्र 23 मार्च बुधवार को पड़ रहा है। बताते चलें कि कानपुर में गंगा मेला आजादी के दीवानों की याद में मनाया जाता है।

कहते हैं कि स्वतंत्रता आंदोलन चरम सीमा पर था। सन् 1942 में ब्रिटिश सरकार ने तत्कालीन जिलाधिकारी कानपुर में होली खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया था। हटिया के नव युवकों ने तय किया कि यह हमारा धार्मिक त्योहार है।

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