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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 31 Mar 2022 11:25 PM IST
सार
हाईकोर्ट ने शिक्षा निदेशक को याची के अवशेष वेतन का भुगतान करने का आदेश दिया था। लेकिन आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। इस पर यह अवमानना याचिका दाखिल की गई।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। शिक्षक के अवशेष भुगतान मामले में अवमानना नोटिस प्राप्त होने के बावजूद न उन्होंने जवाब दाखिल किया और न ही उपस्थित हुए थे। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने मथुरा स्थित रतनलाल इंटर कॉलेज दौलतपुर से रिटायर सहायक अध्यापक गणेशी लाल शास्त्री की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
हाईकोर्ट ने शिक्षा निदेशक को याची के अवशेष वेतन का भुगतान करने का आदेश दिया था। लेकिन आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। इस पर यह अवमानना याचिका दाखिल की गई। इस याचिका पर आदेश के बाद भी शिक्षा निदेशक न तो कोर्ट में उपस्थित हुए और न ही शपथपत्र दाखिल किया। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए शिक्षा निदेशक के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया।
मामले में गणेशी लाल को आरोपों के आधार पर निलंबित कर उनकी सेवा समाप्त कर दी गई थी। इसे चयन बोर्ड ने अमान्य कर दिया था लेकिन उन्हें सेवानिवृत्त होने तक कार्यभार ग्रहण नहीं कराया गया। उन्हें एकल संचालन के माध्यम से सेवानिवृत्त होने तक वेतन भुगतान होता रहा। उनकी पेंशन आदि सभी सेवानिवृत्त देयकों का भुगतान हो गया लेकिन निलंबन अवधि का वेतन भुगतान नहीं किया गया। इसके लिए दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने अवशेष वेतन के भुगतान कर आदेश किया। इसका अनुपालन न होने पर यह अवमानना याचिका दाखिल की गई।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। शिक्षक के अवशेष भुगतान मामले में अवमानना नोटिस प्राप्त होने के बावजूद न उन्होंने जवाब दाखिल किया और न ही उपस्थित हुए थे। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने मथुरा स्थित रतनलाल इंटर कॉलेज दौलतपुर से रिटायर सहायक अध्यापक गणेशी लाल शास्त्री की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
हाईकोर्ट ने शिक्षा निदेशक को याची के अवशेष वेतन का भुगतान करने का आदेश दिया था। लेकिन आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। इस पर यह अवमानना याचिका दाखिल की गई। इस याचिका पर आदेश के बाद भी शिक्षा निदेशक न तो कोर्ट में उपस्थित हुए और न ही शपथपत्र दाखिल किया। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए शिक्षा निदेशक के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया।
मामले में गणेशी लाल को आरोपों के आधार पर निलंबित कर उनकी सेवा समाप्त कर दी गई थी। इसे चयन बोर्ड ने अमान्य कर दिया था लेकिन उन्हें सेवानिवृत्त होने तक कार्यभार ग्रहण नहीं कराया गया। उन्हें एकल संचालन के माध्यम से सेवानिवृत्त होने तक वेतन भुगतान होता रहा। उनकी पेंशन आदि सभी सेवानिवृत्त देयकों का भुगतान हो गया लेकिन निलंबन अवधि का वेतन भुगतान नहीं किया गया। इसके लिए दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने अवशेष वेतन के भुगतान कर आदेश किया। इसका अनुपालन न होने पर यह अवमानना याचिका दाखिल की गई।
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