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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Mon, 18 Apr 2022 08:25 PM IST
सार
मामले में बसपा के सक्रिय कार्यकर्ता व जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल राजू पाल हत्याकांड का गवाह है। 25 जनवरी 2005 को शहर पश्चिमी के विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ मुख्य अभियुक्त हैं।
प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट से पूर्व सांसद अतीक अहमद को बड़ा झटका लगा है। अहमदाबाद जेल में बंद माफिया को बसपा विधायक राजू पाल की 2005 में हुई हत्या के गवाह उमेश पाल को धमकाने व जानलेवा हमले के मामले में 2009 में मिली जमानत खारिज कर दी है। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश डॉ. दिनेश चंद्र शुक्ला कर रहे थे। सरकार की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील कुमार वैश्य, विशेष लोक अभियोजन वीके सिंह कर रहे थे।
मामले में बसपा के सक्रिय कार्यकर्ता व जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल राजू पाल हत्याकांड का गवाह है। 25 जनवरी 2005 को शहर पश्चिमी के विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ मुख्य अभियुक्त हैं। इस हत्याकांड के बाद से ही उमेश पाल को जान से मारने की धमकी दी जाने लगी थी।
गवाह उमेश पाल को दिन दहाड़े उठा ले गए
28 फरवरी 2006 को फांसी इमली के पास शाम करीब पांच बजे अतीक अहमद की लैंड कूजर गाड़ी ने उमेश पाल का रास्ता रोक लिया और दूसरी गाड़ी ने उसे पीछे से घेर लिया। उसी गाड़ी से दिनेश पासी, अंसार बाबा और एक अन्य आदमी उतरे और अंसार बाबा ने उमेश पाल की कनपटी में पिस्तौल सटा दी। इसके बाद लैंड कूजर में उठाकर पटक दिया। गाड़ी में अतीक अहमद व तीन अन्य लोग राइफल लेकर बैठे थे।
इसके बाद उमेश पाल को मारकर अतीक अहमद व उसके गुर्गों ने अधमरा कर दिया था। उसे मारते-पीटते चकिया कार्यालय ले गए। चकिया कार्यालय में मारपीट के अलावा उसे करंट के शॉक भी दिए गए। इस मामले में अतीक अहमद के खिलाफ थाना धूमनगंज में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। जिला एवं सत्र न्यायालय से अतीक अहमद को 2009 में जमानत मिल गई थीए जिसे आज कोर्ट ने खारिज कर दी है।
विस्तार
प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट से पूर्व सांसद अतीक अहमद को बड़ा झटका लगा है। अहमदाबाद जेल में बंद माफिया को बसपा विधायक राजू पाल की 2005 में हुई हत्या के गवाह उमेश पाल को धमकाने व जानलेवा हमले के मामले में 2009 में मिली जमानत खारिज कर दी है। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश डॉ. दिनेश चंद्र शुक्ला कर रहे थे। सरकार की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील कुमार वैश्य, विशेष लोक अभियोजन वीके सिंह कर रहे थे।
मामले में बसपा के सक्रिय कार्यकर्ता व जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल राजू पाल हत्याकांड का गवाह है। 25 जनवरी 2005 को शहर पश्चिमी के विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ मुख्य अभियुक्त हैं। इस हत्याकांड के बाद से ही उमेश पाल को जान से मारने की धमकी दी जाने लगी थी।
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