सिर व चेहरा कूचकर युवा किसान की हत्या

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पाटन (उन्नाव)। बारासगवर थाना क्षेत्र में रविवार रात सिर व चेहरा कूंचकर किसान की हत्या कर दी गई। खेत की रखवाली करने जा रहे दूसरे किसान ने सड़क किनारे शव देखकर परिजनों व पुलिस को जानकारी दी। मृतक के भाई ने किसी से रंजिश से इनकार कर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
क्षेत्र के ललमनखेड़ा के मजरे रौतापुर निवासी पुष्पेंद्र उर्फ रिंकू (26) खेती करता था। रविवार शाम सात बजे वह पत्नी प्रिया से हाथ की अंगुलियों में लगी चोट दिखाने बाइक से भदेवरा स्थित क्लीनिक जाने की बात कहकर निकला था। काफी देर तक न लौटने पर प्रिया ने पुष्पेंद्र को फोन किया तो उसने जल्द ही घर पहुंचने की बात कही।
रात 11 बजे दोबारा फोन मिलाया तो रिसीव नहीं हुआ। इसी दौरान खेत की रखवाली करने जा रहे गांव के किसान ने नहर के किनारे पुष्पेंद्र का लहूलुहान शव पड़ा देखा। ग्रामीणों ने मृतक के पिता रामनरेश को जानकारी दी। ऊंचगांव चौकी प्रभारी राजीव कुमार त्रिपाठी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। शव से लगभग 20 मीटर दूर उसकी बाइक पड़ी मिली। मृतक के बड़े भाई पुष्पराज सिंह ने अज्ञात लोगों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी वजनी ईंट या पत्थर से सिर, माथे, चेहरे और दाहिने हाथ पर वार करने की पुष्टि हुई है।
नहीं मिला मोबाइल, कॉल डिटेल खंगाल रही पुलिस
पाटन। बारासगवर थाना क्षेत्र में किसान पुष्पेंद्र की हत्या के मामले में घटनास्थल से पुलिस को उसका मोबाइल नहीं मिला। पुलिस सर्विलांस की मदद से कॉल डिटेल खंगाल रही है।
वहीं ग्रामीणों के अनुसार पुष्पेंद्र कड़क स्वभाव का था। आएदिन उसका लोगों से झगड़ा होता था। पिता के कोटेदार होने से गांव की राजनीति में भी परिवार का दखल रहता था। हालांकि परिजनों का कहना है कि उनकी किसी से रंजिश नहीं थी। मृतक के शरीर पर पैंट न होने से पुलिस रंजिश के अलावा आशनाई के बिंदु पर भी जांच कर रही है। जांच के दौरान पुलिस को मृतक के शव के पास दो जोड़ी चप्पलें मिली हैं। इससे हत्या में एक से अधिक लोगों के शामिल होने की आशंका भी है। ग्रामीणों का भी कहना है कि पुष्पेंद्र लंबा चौड़ा था। ऐसे में एक व्यक्ति उसका कुछ बिगाड़ नहीं सकता था। हत्या में तीन से अधिक लोग शामिल रहे होंगे। ग्रामीणों ने बताया कि जिस जगह हत्या हुई, वहां आसपास के खेतों में इस समय उरद-मूंग व मक्का आदि की फसल है। रखवाली के लिए किसान खेतों पर ही रहते हैं। रात के सन्नाटे में किसानों ने पुष्पेंद्र के चीखने तक की आवाज नहीं सुनी। इससे लगता है कि हमलावरों ने पुष्पेंद्र को दबोचे रखा होगा।

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पाटन (उन्नाव)। बारासगवर थाना क्षेत्र में रविवार रात सिर व चेहरा कूंचकर किसान की हत्या कर दी गई। खेत की रखवाली करने जा रहे दूसरे किसान ने सड़क किनारे शव देखकर परिजनों व पुलिस को जानकारी दी। मृतक के भाई ने किसी से रंजिश से इनकार कर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

क्षेत्र के ललमनखेड़ा के मजरे रौतापुर निवासी पुष्पेंद्र उर्फ रिंकू (26) खेती करता था। रविवार शाम सात बजे वह पत्नी प्रिया से हाथ की अंगुलियों में लगी चोट दिखाने बाइक से भदेवरा स्थित क्लीनिक जाने की बात कहकर निकला था। काफी देर तक न लौटने पर प्रिया ने पुष्पेंद्र को फोन किया तो उसने जल्द ही घर पहुंचने की बात कही।

रात 11 बजे दोबारा फोन मिलाया तो रिसीव नहीं हुआ। इसी दौरान खेत की रखवाली करने जा रहे गांव के किसान ने नहर के किनारे पुष्पेंद्र का लहूलुहान शव पड़ा देखा। ग्रामीणों ने मृतक के पिता रामनरेश को जानकारी दी। ऊंचगांव चौकी प्रभारी राजीव कुमार त्रिपाठी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। शव से लगभग 20 मीटर दूर उसकी बाइक पड़ी मिली। मृतक के बड़े भाई पुष्पराज सिंह ने अज्ञात लोगों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी वजनी ईंट या पत्थर से सिर, माथे, चेहरे और दाहिने हाथ पर वार करने की पुष्टि हुई है।

नहीं मिला मोबाइल, कॉल डिटेल खंगाल रही पुलिस

पाटन। बारासगवर थाना क्षेत्र में किसान पुष्पेंद्र की हत्या के मामले में घटनास्थल से पुलिस को उसका मोबाइल नहीं मिला। पुलिस सर्विलांस की मदद से कॉल डिटेल खंगाल रही है।

वहीं ग्रामीणों के अनुसार पुष्पेंद्र कड़क स्वभाव का था। आएदिन उसका लोगों से झगड़ा होता था। पिता के कोटेदार होने से गांव की राजनीति में भी परिवार का दखल रहता था। हालांकि परिजनों का कहना है कि उनकी किसी से रंजिश नहीं थी। मृतक के शरीर पर पैंट न होने से पुलिस रंजिश के अलावा आशनाई के बिंदु पर भी जांच कर रही है। जांच के दौरान पुलिस को मृतक के शव के पास दो जोड़ी चप्पलें मिली हैं। इससे हत्या में एक से अधिक लोगों के शामिल होने की आशंका भी है। ग्रामीणों का भी कहना है कि पुष्पेंद्र लंबा चौड़ा था। ऐसे में एक व्यक्ति उसका कुछ बिगाड़ नहीं सकता था। हत्या में तीन से अधिक लोग शामिल रहे होंगे। ग्रामीणों ने बताया कि जिस जगह हत्या हुई, वहां आसपास के खेतों में इस समय उरद-मूंग व मक्का आदि की फसल है। रखवाली के लिए किसान खेतों पर ही रहते हैं। रात के सन्नाटे में किसानों ने पुष्पेंद्र के चीखने तक की आवाज नहीं सुनी। इससे लगता है कि हमलावरों ने पुष्पेंद्र को दबोचे रखा होगा।

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