Allahabad High Court : नशीला पदार्थ की तस्करी करने के आरोपी की जमानत अर्जी मंजूर

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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Wed, 18 May 2022 07:48 PM IST

सार

मामले में याची पर हेरोइन की तस्करी करने वाले गैंग के सदस्य के रूप में काम करने के आरोप में 13 अप्रैल 2004 में वाराणसी जिले के डीआरआई थाने में एन डीपीएस एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। याची अभी तक अन्तरिम जमानत पर था।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नशीला पदार्थ की तस्करी करने  वाले गैंग के आरोपी की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। कोर्ट ने कहा कि याचि को व्यक्तिगत मुचलके और दो प्रतिभूति के साथ रिहा करने का आदेश दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति चंद्र कुमार राय ने सुनील कुमार कश्यप की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

मामले में याची पर हेरोइन की तस्करी करने वाले गैंग के सदस्य के रूप में काम करने के आरोप में 13 अप्रैल 2004 में वाराणसी जिले के डीआरआई थाने में एन डीपीएस एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। याची अभी तक अन्तरिम जमानत पर था। फरवरी आए वह जेल में है। याची पक्ष के अधिवक्ता दया शंकर मिश्रा ने तर्क दिया कि याची मामले में निर्दोष है।

मौके पर से उसे गिरफ्तार नही किया गया और न ही उससे कोई नशीला पदार्थ की बरामदगी हुई। उसका नाम बयान में नाम लेने पर सामने आया है। उसे रंजिशन फंसाया गया है। हालांकि सरकारी अशिवक्ता ने जमानत अर्जी का विरोध किया। कहा कि वह नशीला पदार्थ की तस्करी करने वाले गैंग के रूप में काम कर रहा है। कोर्ट ने तथ्य और परिस्थिति को देखते हुए जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

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विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नशीला पदार्थ की तस्करी करने  वाले गैंग के आरोपी की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। कोर्ट ने कहा कि याचि को व्यक्तिगत मुचलके और दो प्रतिभूति के साथ रिहा करने का आदेश दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति चंद्र कुमार राय ने सुनील कुमार कश्यप की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

मामले में याची पर हेरोइन की तस्करी करने वाले गैंग के सदस्य के रूप में काम करने के आरोप में 13 अप्रैल 2004 में वाराणसी जिले के डीआरआई थाने में एन डीपीएस एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। याची अभी तक अन्तरिम जमानत पर था। फरवरी आए वह जेल में है। याची पक्ष के अधिवक्ता दया शंकर मिश्रा ने तर्क दिया कि याची मामले में निर्दोष है।

मौके पर से उसे गिरफ्तार नही किया गया और न ही उससे कोई नशीला पदार्थ की बरामदगी हुई। उसका नाम बयान में नाम लेने पर सामने आया है। उसे रंजिशन फंसाया गया है। हालांकि सरकारी अशिवक्ता ने जमानत अर्जी का विरोध किया। कहा कि वह नशीला पदार्थ की तस्करी करने वाले गैंग के रूप में काम कर रहा है। कोर्ट ने तथ्य और परिस्थिति को देखते हुए जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

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