मुफलिसी से तंग आकर बेटे को ईंट से जख्मी कर खुद शारदा नदी में कूद गई

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  • भूख से रोते बच्चे को देखकर खुद पर नियंत्रण न रख सकी महिला
  • ग्रामीणों ने दोनों को बचाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया 
  • महिला की पांच साल की बेटी का रो-रोकर है बुरा हाल

लखीमपुर खीरी। मुफलिसी से तंग आकर एक महिला अपने ढाई साल के बेटे को भूख से रोता देखकर इस कदर भावुक हुई कि जान से मारने की नीयत से बेटे के सिर में ईंट मार दी और खुद जाकर शारदा नदी में कूद गई। ग्रामीणों ने किसी तरह मां और बेटे दोनों को बचाया। महिला और उसके मासूम बेटे का इलाज चल रहा है। वहीं पांच साल की बेटी रो-रोकर बेहाल है। 
शारदानगर में झोंपड़ी बनाकर रहने वाले सरवन कुमार की मृत्यु ढाई साल पहले हो चुकी है। उसके बाद से उसकी पत्नी ऊषा देवी और दो छोटे बच्चे बदहवास हालत में इधर-उधर घूमते रहते हैं। महिला का ढाई साल का बेटा और पांच साल की बेटी है जो इधर-उधर मांग खाकर अपनी गुजर करते हैं। शनिवार शाम ऊषा अपने भूख से बेहाल दोनों बच्चों के साथ पड़ोस के धौरहरा थाना क्षेत्र के गांव तिवारीपुरवा के कामेश्वर तिवारी के घर जा पहुंची। उस वक्त घर की महिलाएं खाना बना रहीं थीं। बेटी को घर के बाहर छोड़कर ऊषा भूख से बेहाल अपने ढाई वर्षीय बेटे को लेकर उनके घर में घुस गई और खुद को एक कमरे में बंदकर लिया। बेटे के खाना मांगने पर ऊषा ने उसे पहले पीटा। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर घर के अन्य लोग भी कमरे के बाहर जमा हो गए। ऊषा बच्चे को चुप कराना चाह रही थी, लेकिन वह चुप नहीं हो रहा था। इस पर ऊषा ने कमरे में पड़ी ईंट उसके सिर में मार दी। शायद वह भूख से रोते बच्चे को जान से मारना चाहती थी। 
 
उधर, इस तरह की स्थिति भांपकर कमरे के बाहर जुटे लोग दरवाजा तोड़कर भीतर घुस आए और उन्होंने बच्चे को जमीन पर खून से लथपथ देखा। ग्रामीणों ने एंबुलेंस बुलाकर बच्चे को किसी तरह जिला अस्पताल पहुंचाया। घर के बाहर खड़ी बेटी यह सब देखकर रो रही थी। मुफलिसी की शिकार ऊषा से लोग पूछताछ करते, इससे पहले खुद को खत्म करने के इरादे से उसने दौड़कर पास में बह रही शारदा नदी में छलांग लगा दी। ग्रामीणों ने किसी तरह ऊषा को बचा लिया और यूपी 112 पुलिस को सूचना देकर बुला लिया। पुलिस ने ऊषा को भी जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। 
बच्चा और महिला दोनों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं ऊषा पांच वर्षीय बेटी का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के कुछ लोगों ने चाइल्ड लाइन को निराश्रित बालिका के संबंध में सूचना दी है। गांव वालों का कहना है कि गरीबी से तंग आकर महिला ने यह कदम उठाया है। 

  • भूख से रोते बच्चे को देखकर खुद पर नियंत्रण न रख सकी महिला
  • ग्रामीणों ने दोनों को बचाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया 
  • महिला की पांच साल की बेटी का रो-रोकर है बुरा हाल
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लखीमपुर खीरी। मुफलिसी से तंग आकर एक महिला अपने ढाई साल के बेटे को भूख से रोता देखकर इस कदर भावुक हुई कि जान से मारने की नीयत से बेटे के सिर में ईंट मार दी और खुद जाकर शारदा नदी में कूद गई। ग्रामीणों ने किसी तरह मां और बेटे दोनों को बचाया। महिला और उसके मासूम बेटे का इलाज चल रहा है। वहीं पांच साल की बेटी रो-रोकर बेहाल है। 

शारदानगर में झोंपड़ी बनाकर रहने वाले सरवन कुमार की मृत्यु ढाई साल पहले हो चुकी है। उसके बाद से उसकी पत्नी ऊषा देवी और दो छोटे बच्चे बदहवास हालत में इधर-उधर घूमते रहते हैं। महिला का ढाई साल का बेटा और पांच साल की बेटी है जो इधर-उधर मांग खाकर अपनी गुजर करते हैं। शनिवार शाम ऊषा अपने भूख से बेहाल दोनों बच्चों के साथ पड़ोस के धौरहरा थाना क्षेत्र के गांव तिवारीपुरवा के कामेश्वर तिवारी के घर जा पहुंची। उस वक्त घर की महिलाएं खाना बना रहीं थीं। बेटी को घर के बाहर छोड़कर ऊषा भूख से बेहाल अपने ढाई वर्षीय बेटे को लेकर उनके घर में घुस गई और खुद को एक कमरे में बंदकर लिया। बेटे के खाना मांगने पर ऊषा ने उसे पहले पीटा। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर घर के अन्य लोग भी कमरे के बाहर जमा हो गए। ऊषा बच्चे को चुप कराना चाह रही थी, लेकिन वह चुप नहीं हो रहा था। इस पर ऊषा ने कमरे में पड़ी ईंट उसके सिर में मार दी। शायद वह भूख से रोते बच्चे को जान से मारना चाहती थी। 

 

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