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उन्नाव। जिला अस्पताल की ओपीडी में सोमवार को खूब भीड़ रही। 760 मरीजों ने पर्चा बनवाया। ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने के लिए लंबा इंतजार फिर दवा और जांच के लिए घंटों लाइन लगानी पड़ी। भीड़ होने से डॉक्टरों का हाल ये रहा कि नंबर आते ही मरीज का चेहरा देखकर पर्चा तैयार करने लगते। न नब्ज पकड़ी ना आला लगाया बस दवा लिख दी। 10 मिनट में 12 से 15 मरीज देख लिए।
नियम है कि डॉक्टरों को सुबह आठ बजे अस्पताल पहुंचना होता है। एक घंटे में वह वार्ड के मरीजों को देखकर उनका फीडबैक लेंगे और उसके बाद नौ से दोपहर दो बजे तक ओपीडी करेंगे लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है।
एक से दो घंटे इंतजार के बाद भी नहीं आया नंबर
जिला अस्पताल के फिजीशियन के ओपीडी कक्ष में सुबह 11 बजे अलग-अलग बीमारी से पीड़ितों के 60 पर्चे रखे थे। मरीज आते ही जा रहे थे। भीड़ अधिक देख डॉक्टर मरीजों को बिना आला लगाए ही उनकी बात सुनते रहे और पर्चे पर दवा लिखते गए। भीड़ की स्थिति यह थी कि नंबर देरी से होने पर मरीज कक्ष में ही जमीन पर बैठ गए। डॉक्टर कक्ष के बाहर बैठी फूलकुमारी ने बताया कि पेट दर्द होने पर दिखाने आई थी। एक घंटा बाद भी नंबर नहीं आया। यही हाल अन्य डॉक्टरों के कक्ष का रहा। वहीं जिला महिला अस्पताल में जांच के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहीं दरियाईखेड़ा निवासी आरती व गरिमा ने बताया कि खून की जांच करानी थी। सुबह नौ बजे अस्पताल आ गईं थीं लेकिन 11:30 बजे तक नंबर नहीं आया।
मरीजों ने बताई समस्या
मार्ग दुर्घटना में घायल हुए मेथीटीकुर निवासी सरवन के पैर में चोट आने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। डॉक्टर ने एक्सरे की सलाह दी। परिजन ट्राई साइकिल से एक्सरे कराने पहुंचे। सुबह 10 बजे पर्चा लगाने के बाद दोपहर 12 बजे नंबर आया।
जिला महिला अस्पताल में जांच कराने आईं देवारा कला निवासी गरिमा ने बताया कि वह सुबह नौ बजे आ गईं थीं। पति रमन ने छुट्टी ली थी लेकिन दोपहर के 12 बज गए, नंबर नहीं आया। उसने बताया कि जांच के लिए लगे कर्मचारी ही 10 बजे सीट पर बैठे थे।
दिव्यांग शिविर में नहीं पहुंचे डॉक्टर
उन्नाव। जिला अस्पताल में प्रत्येक सोमवार को लगने वाले दिव्यांग शिविर में सुबह 11:30 बजे तक कोई डॉक्टर नहीं पहुंचा। दिव्यांग धूप में इंतजार कर रहे थे। इसकी जानकारी डीएम तक पहुंच गई। डीएम का फोन सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश के पास आते ही वह आननफानन दिव्यांग शिविर पहुंचे। सीएमओ को देख दिव्यांगों ने शिकायतों की झड़ी लगा दी।
उन्होंने सीएमएस डॉ. पवन कुमार से डॉक्टरों की जानकारी ली। सीएमएस ने बताया कि डॉक्टर ओपीडी कर रहे हैं। इस पर तत्काल एक डॉक्टर को भेजने के निर्देश दिए। दिव्यांग रामसुमेर ने बताया कि वह बीघापुर से भतीजे के साथ आए हैं। भतीजे को बहन की शादी के लिए खरीदारी करने जाना था लेकिन दोपहर यहीं हो गई। अचलगंज की जानकी ने बताया कि वह पैर से दिव्यांग है। कई बार चक्कर लगाने के बाद भी विकलांग प्रमाणपत्र नहीं बन पाया।
सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि अक्सर ज्यादा भीड़ होने पर डॉक्टर के जल्दबाजी में मरीजों को देखने की बातें सामने आती हैं। सीएमएस को निर्देश दे रहे हैं कि वह सभी डॉक्टरों को समय पर ओपीडी में पहुंचना सुनिश्चित कराएं। साथ ही मरीज को ढंग से देखें। सीएमएस को निर्देश दिए हैं कि दिव्यांग शिविर में ऐसे डॉक्टर की ड्यूटी लगाएं जिनकी ओपीडी न हो। बताया कि जल्द ही सुधार आएगा।
जिला महिला अस्पताल गैलरी में जमीन पर बैठी महिलाएं। संवाद– फोटो : UNNAO
जिला अस्पताल के डिजिटल एक्सरे कक्ष के बाहर लगी मरीजों की भीड़। संवाद– फोटो : UNNAO
जिला अस्पताल की ओपीडी में बिना चेकअप के मरीजों को दवा लिखते चिकित्सक। संवाद– फोटो : UNNAO
उन्नाव। जिला अस्पताल की ओपीडी में सोमवार को खूब भीड़ रही। 760 मरीजों ने पर्चा बनवाया। ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने के लिए लंबा इंतजार फिर दवा और जांच के लिए घंटों लाइन लगानी पड़ी। भीड़ होने से डॉक्टरों का हाल ये रहा कि नंबर आते ही मरीज का चेहरा देखकर पर्चा तैयार करने लगते। न नब्ज पकड़ी ना आला लगाया बस दवा लिख दी। 10 मिनट में 12 से 15 मरीज देख लिए।
नियम है कि डॉक्टरों को सुबह आठ बजे अस्पताल पहुंचना होता है। एक घंटे में वह वार्ड के मरीजों को देखकर उनका फीडबैक लेंगे और उसके बाद नौ से दोपहर दो बजे तक ओपीडी करेंगे लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है।
एक से दो घंटे इंतजार के बाद भी नहीं आया नंबर
जिला अस्पताल के फिजीशियन के ओपीडी कक्ष में सुबह 11 बजे अलग-अलग बीमारी से पीड़ितों के 60 पर्चे रखे थे। मरीज आते ही जा रहे थे। भीड़ अधिक देख डॉक्टर मरीजों को बिना आला लगाए ही उनकी बात सुनते रहे और पर्चे पर दवा लिखते गए। भीड़ की स्थिति यह थी कि नंबर देरी से होने पर मरीज कक्ष में ही जमीन पर बैठ गए। डॉक्टर कक्ष के बाहर बैठी फूलकुमारी ने बताया कि पेट दर्द होने पर दिखाने आई थी। एक घंटा बाद भी नंबर नहीं आया। यही हाल अन्य डॉक्टरों के कक्ष का रहा। वहीं जिला महिला अस्पताल में जांच के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहीं दरियाईखेड़ा निवासी आरती व गरिमा ने बताया कि खून की जांच करानी थी। सुबह नौ बजे अस्पताल आ गईं थीं लेकिन 11:30 बजे तक नंबर नहीं आया।
मरीजों ने बताई समस्या
मार्ग दुर्घटना में घायल हुए मेथीटीकुर निवासी सरवन के पैर में चोट आने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। डॉक्टर ने एक्सरे की सलाह दी। परिजन ट्राई साइकिल से एक्सरे कराने पहुंचे। सुबह 10 बजे पर्चा लगाने के बाद दोपहर 12 बजे नंबर आया।
जिला महिला अस्पताल में जांच कराने आईं देवारा कला निवासी गरिमा ने बताया कि वह सुबह नौ बजे आ गईं थीं। पति रमन ने छुट्टी ली थी लेकिन दोपहर के 12 बज गए, नंबर नहीं आया। उसने बताया कि जांच के लिए लगे कर्मचारी ही 10 बजे सीट पर बैठे थे।
दिव्यांग शिविर में नहीं पहुंचे डॉक्टर
उन्नाव। जिला अस्पताल में प्रत्येक सोमवार को लगने वाले दिव्यांग शिविर में सुबह 11:30 बजे तक कोई डॉक्टर नहीं पहुंचा। दिव्यांग धूप में इंतजार कर रहे थे। इसकी जानकारी डीएम तक पहुंच गई। डीएम का फोन सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश के पास आते ही वह आननफानन दिव्यांग शिविर पहुंचे। सीएमओ को देख दिव्यांगों ने शिकायतों की झड़ी लगा दी।
उन्होंने सीएमएस डॉ. पवन कुमार से डॉक्टरों की जानकारी ली। सीएमएस ने बताया कि डॉक्टर ओपीडी कर रहे हैं। इस पर तत्काल एक डॉक्टर को भेजने के निर्देश दिए। दिव्यांग रामसुमेर ने बताया कि वह बीघापुर से भतीजे के साथ आए हैं। भतीजे को बहन की शादी के लिए खरीदारी करने जाना था लेकिन दोपहर यहीं हो गई। अचलगंज की जानकी ने बताया कि वह पैर से दिव्यांग है। कई बार चक्कर लगाने के बाद भी विकलांग प्रमाणपत्र नहीं बन पाया।
सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि अक्सर ज्यादा भीड़ होने पर डॉक्टर के जल्दबाजी में मरीजों को देखने की बातें सामने आती हैं। सीएमएस को निर्देश दे रहे हैं कि वह सभी डॉक्टरों को समय पर ओपीडी में पहुंचना सुनिश्चित कराएं। साथ ही मरीज को ढंग से देखें। सीएमएस को निर्देश दिए हैं कि दिव्यांग शिविर में ऐसे डॉक्टर की ड्यूटी लगाएं जिनकी ओपीडी न हो। बताया कि जल्द ही सुधार आएगा।
जिला महिला अस्पताल गैलरी में जमीन पर बैठी महिलाएं। संवाद– फोटो : UNNAO
जिला अस्पताल के डिजिटल एक्सरे कक्ष के बाहर लगी मरीजों की भीड़। संवाद– फोटो : UNNAO
जिला अस्पताल की ओपीडी में बिना चेकअप के मरीजों को दवा लिखते चिकित्सक। संवाद– फोटो : UNNAO
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