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अटाला बवाल के मुख्य आरोपी जावेद मोहम्मद का घर गिराए जाने की कार्रवाई को भले ही राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर सही ठहराया है। लेकिन उसके घरवालों ने सरकार के दावों को गलत बताया है। उनका कहना है कि अगर उनका घर अवैध व नियमविरुद्ध तरीके से बना था तो सरकार के अपने ही विभाग कैसे 20 सालों तक इस घर का टैक्स लेते रहे। परिजनों का कहना है कि फिलहाल उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। यही नहीं जरूरत पड़ने पर वह सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगे।
इससे पहले भी घर गिराए जाने के बाद पत्नी परवीन फातिमा, बेटी आफरीन फातिमा, सुमैया व बेटे उमाम ने कार्रवाई को गलत बताया था। जबकि पीडीए अफसरों का कहना था कि कार्रवाई नियमसंगत तरीके से की गई। इससे पहले दो बार जावेद मोहम्मद को नोटिस जारी किया गया। जिसका उनकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया।
उधर हिंसक प्रदर्शनों के बाद प्रयागराज व कानपुर में हुई कार्रवाई पर सवाल उठाने वाली दो याचिकाओं पर भी सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि कार्रवाई कानून के अनुसार की गई। लेकिन जावेद के परिजनों ने सरकार के दावों को गलत बताया है। उनके परिजनों ने कहा कि जिला प्रशासन नक्शा न पास होने की बात करता है तो यह बताया जाए कि शहर में कितने मकानों का नक्शा पास है।
उन्होंने आरोप लगाया कि लगभग 90 प्रतिशत मकान ऐसे हैं जिनका निर्माण बिना नक्शा पास कराए किया गया है। परिजनों का यह भी कहना है कि उन्हें पूर्व में कोई नोटिस नहीं मिला। 10 जून को पहले जावेद और फिर उनकी पत्नी व बेटी को अवैध तरीके से हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद रात 11 बजे के करीब एक नोटिस घर पर चिपका दी गई। फिर अगले ही दिन मकान गिरा दिया गया।
उनका यह भी कहना है कि जो नोटिस मकान पर चिपकाया गया, वह जावेद मोहम्मद के नाम पर था। जबकि जमीन की रजिस्ट्री उनकी पत्नी परवीन फातिमा के नाम पर है। घरवालों का कहना है कि यह कार्रवाई नियमविरुद्ध तो है ही, यह असंवैधानिक भी है। इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। इंसाफ के लिए वह अंतिम दम तक लड़ाई लडेंगे।
कब क्या हुआ
10 जून- अटाला बवाल के बाद जावेद को हिरासत में लिया गया
12 जून- पीडीए ने बुलडोजर चलवाकर मकान गिराया
12 जून- अधिवक्ता मंच ने कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र याचिका भेजी
13 जून- पत्र याचिका पर संज्ञान लेने से इंकार, नियमित याचिका दाखिल करने का सुझाव
21जून- जावेद की पत्नी परवीन फातिमा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की
28 हजार मकानों को जारी हुआ है नोटिस
शहर में करीब 28 हजार मकान ऐसे हैं जिन्हें प्रयागराज विकास प्राधिकरण की ओर से नोटिस जारी हुआ है। इन मकानों का निर्माण नक्शा पास कराए बिना किया गया है।
विस्तार
अटाला बवाल के मुख्य आरोपी जावेद मोहम्मद का घर गिराए जाने की कार्रवाई को भले ही राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर सही ठहराया है। लेकिन उसके घरवालों ने सरकार के दावों को गलत बताया है। उनका कहना है कि अगर उनका घर अवैध व नियमविरुद्ध तरीके से बना था तो सरकार के अपने ही विभाग कैसे 20 सालों तक इस घर का टैक्स लेते रहे। परिजनों का कहना है कि फिलहाल उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। यही नहीं जरूरत पड़ने पर वह सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगे।
इससे पहले भी घर गिराए जाने के बाद पत्नी परवीन फातिमा, बेटी आफरीन फातिमा, सुमैया व बेटे उमाम ने कार्रवाई को गलत बताया था। जबकि पीडीए अफसरों का कहना था कि कार्रवाई नियमसंगत तरीके से की गई। इससे पहले दो बार जावेद मोहम्मद को नोटिस जारी किया गया। जिसका उनकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया।
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