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उन्नाव। शहर के मुख्य मार्गों पर लटक रहीं बिजली की जर्जर लाइनें खतरा बनी हैं। इनकी गार्डिंग (लोहे के तार की जाली) न होने से तार अक्सर टूटकर सड़क पर गिर जाते हैं। जर्जर लाइनों को जोड़-गांठ कर और बांस की खपच्चियों से बांधकर काम चलाया जा रहा है।
शहर का वीआईपी क्षेत्र सिविल लाइंस हो या भीड़भाड़ वाली कचहरी रोड, या फिर पूरे दिन व्यस्त रहने वाला सदर बाजार और मुख्य मार्ग। सभी जगह हाईटेंशन लाइनें खतरा बनीं हैं। अक्सर तार टूटकर गिरने की घटनाएं होती हैं और भगदड़ मचती है।
विभाग हर घटना के बाद जल्द सुधार का आश्वासन देकर भूल जाता है। बारिश के दिनों में खतरा और बढ़ेगा। जर्जर तारों में बारिश का पानी जाने से तार गर्म होकर टूटने की घटनाएं ज्यादा होती हैं। सड़कें गीली होने से करंट फैलने का भी खतरा और बढ़ेगा, लेकिन इससे निपटने की विभाग की अभी से कोई तैयारी नहीं है।
कचहरी रोड पर बिजली की लाइनें काफी समय से जर्जर हैं। अक्सर तार टूटकर सड़क पर गिरने की घटनाएं होतीं हैं और भगदड़ मचती है। लोगों ने कई बार सुधार की मांग की, लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं हुआ। बुधवार को न्यायालय के सामने बिजली का तार टूटकर गिर गया। दुकानदारों और वाहन चालकों में भगदड़ मच गई। गनीमत रही कि तार का वह सिरा टूटा, जो ट्रांसफार्मर में जुड़ा था। अगर तार में करंट होता हो बड़ा हादसा हो सकता था।
सदर बाजार में तारों का घना जाल लटक रहा है। एचटी हो या एलटी लाइन किसी के भी नीचे गार्डिंग नहीं है। अक्सर तारों में स्पार्किंग होती है और तार टूटकर भीड़भाड़ वाले मुख्य मार्ग पर गिरते हैं। पिछले दिनों धवन रोड बाजार के पास तार टूटकर खरीदारी कर रही महिला के पास टूटकर गिर गया था। लोगों ने महिला को खींचकर तार की चपेट में आने से बचा लिया था। अब तो लोग खड़े होने से पहले ये देखते हैं कि बिजली की लाइन के नीचे तो नहीं खड़े हैं।
छोटा चौराहा पर भी जर्जर तार लटक रहे हैं। तेज हवा चलने और बारिश होने पर अक्सर तार टूटकर गिरने की घटनाएं होतीं हैं। छोटा चौराहा से लोकनगर, एबी नगर, गांधी नगर और बड़ा चौराहा की ओर जाने वाली सड़क पर रोड क्रॉस बिजली की लाइनें हैं। पुराने जर्जर तारों को दर्जनों स्थानों पर जोड़ा गया है। लोड बढ़ने पर तार गर्म हो जाते हैं। तेज हवा चलने पर तारों में स्पार्किंग होती है और अक्सर तार टूटकर गिरते हैं। लोगों की जान सांसत में रहती है।
ये हैं मानक
-बिजली की लाइन रोड क्रास कर रही है तो उसके नीचे गार्डिंग जरूरी।
-ट्रांसफार्मर चबूतरे पर रखा जाए और चारो ओर जाली जरूर लगी हो।
-ट्रांसफार्मर पर टीपीओ स्विच लगा हो, ताकि फाल्ट होने पर ट्रिप हो जाए।
बरतें ये सावधानी
-बारिश के दौरान या बाद में बिजली की लाइन के नीचे न रुकें।
-ट्रांसफार्मर के आसपास जलभराव हो तो दूर से निकलें।
-तार टूटने पर सबसे पहले सबस्टेशन को फोन कर आपूर्ति बंद कराएं।
उन्नाव बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश शुक्ला ने बताया कि कचहरी के आसपास बिजली की लाइनें जर्जर हैं। तार टूटकर गिरने की घटनाएं भी होती हैं। बिजली विभाग से लाइनों की गार्डिंग या एबीसी लाइनें डलवाने की मांग कई बार की है।
सदर बाजार के व्यापारी विशाल बाजपेयी ने बताया कि बाजार और आसपास अक्सर तार टूटने की घटनाएं होती हैं। घटना के बाद विभाग के अधिकारी लाइनों को ठीक कराने और घटनाएं रोकने की बात कहते हैं, लेकिन टूटे तारों को जोड़ने के बाद लौटकर नहीं आते।
जर्जर बिजली लाइनों को बदलने और सुधार के लिए रीवैप (रूरल इकनॉमिक वैल्यू ऐडेड मॉनीटरिंग प्रोग्राम) के तहत 339 किमी विद्युत लाइनों को बदलने प्रस्ताव भेजा गया है। अगले महीने में काम शुरू होने की संभावना है। -एससी शर्मा, अधिशासी अभियंता।
उन्नाव। शहर के मुख्य मार्गों पर लटक रहीं बिजली की जर्जर लाइनें खतरा बनी हैं। इनकी गार्डिंग (लोहे के तार की जाली) न होने से तार अक्सर टूटकर सड़क पर गिर जाते हैं। जर्जर लाइनों को जोड़-गांठ कर और बांस की खपच्चियों से बांधकर काम चलाया जा रहा है।
शहर का वीआईपी क्षेत्र सिविल लाइंस हो या भीड़भाड़ वाली कचहरी रोड, या फिर पूरे दिन व्यस्त रहने वाला सदर बाजार और मुख्य मार्ग। सभी जगह हाईटेंशन लाइनें खतरा बनीं हैं। अक्सर तार टूटकर गिरने की घटनाएं होती हैं और भगदड़ मचती है।
विभाग हर घटना के बाद जल्द सुधार का आश्वासन देकर भूल जाता है। बारिश के दिनों में खतरा और बढ़ेगा। जर्जर तारों में बारिश का पानी जाने से तार गर्म होकर टूटने की घटनाएं ज्यादा होती हैं। सड़कें गीली होने से करंट फैलने का भी खतरा और बढ़ेगा, लेकिन इससे निपटने की विभाग की अभी से कोई तैयारी नहीं है।
कचहरी रोड पर बिजली की लाइनें काफी समय से जर्जर हैं। अक्सर तार टूटकर सड़क पर गिरने की घटनाएं होतीं हैं और भगदड़ मचती है। लोगों ने कई बार सुधार की मांग की, लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं हुआ। बुधवार को न्यायालय के सामने बिजली का तार टूटकर गिर गया। दुकानदारों और वाहन चालकों में भगदड़ मच गई। गनीमत रही कि तार का वह सिरा टूटा, जो ट्रांसफार्मर में जुड़ा था। अगर तार में करंट होता हो बड़ा हादसा हो सकता था।
सदर बाजार में तारों का घना जाल लटक रहा है। एचटी हो या एलटी लाइन किसी के भी नीचे गार्डिंग नहीं है। अक्सर तारों में स्पार्किंग होती है और तार टूटकर भीड़भाड़ वाले मुख्य मार्ग पर गिरते हैं। पिछले दिनों धवन रोड बाजार के पास तार टूटकर खरीदारी कर रही महिला के पास टूटकर गिर गया था। लोगों ने महिला को खींचकर तार की चपेट में आने से बचा लिया था। अब तो लोग खड़े होने से पहले ये देखते हैं कि बिजली की लाइन के नीचे तो नहीं खड़े हैं।
छोटा चौराहा पर भी जर्जर तार लटक रहे हैं। तेज हवा चलने और बारिश होने पर अक्सर तार टूटकर गिरने की घटनाएं होतीं हैं। छोटा चौराहा से लोकनगर, एबी नगर, गांधी नगर और बड़ा चौराहा की ओर जाने वाली सड़क पर रोड क्रॉस बिजली की लाइनें हैं। पुराने जर्जर तारों को दर्जनों स्थानों पर जोड़ा गया है। लोड बढ़ने पर तार गर्म हो जाते हैं। तेज हवा चलने पर तारों में स्पार्किंग होती है और अक्सर तार टूटकर गिरते हैं। लोगों की जान सांसत में रहती है।
ये हैं मानक
-बिजली की लाइन रोड क्रास कर रही है तो उसके नीचे गार्डिंग जरूरी।
-ट्रांसफार्मर चबूतरे पर रखा जाए और चारो ओर जाली जरूर लगी हो।
-ट्रांसफार्मर पर टीपीओ स्विच लगा हो, ताकि फाल्ट होने पर ट्रिप हो जाए।
बरतें ये सावधानी
-बारिश के दौरान या बाद में बिजली की लाइन के नीचे न रुकें।
-ट्रांसफार्मर के आसपास जलभराव हो तो दूर से निकलें।
-तार टूटने पर सबसे पहले सबस्टेशन को फोन कर आपूर्ति बंद कराएं।
उन्नाव बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश शुक्ला ने बताया कि कचहरी के आसपास बिजली की लाइनें जर्जर हैं। तार टूटकर गिरने की घटनाएं भी होती हैं। बिजली विभाग से लाइनों की गार्डिंग या एबीसी लाइनें डलवाने की मांग कई बार की है।
सदर बाजार के व्यापारी विशाल बाजपेयी ने बताया कि बाजार और आसपास अक्सर तार टूटने की घटनाएं होती हैं। घटना के बाद विभाग के अधिकारी लाइनों को ठीक कराने और घटनाएं रोकने की बात कहते हैं, लेकिन टूटे तारों को जोड़ने के बाद लौटकर नहीं आते।
जर्जर बिजली लाइनों को बदलने और सुधार के लिए रीवैप (रूरल इकनॉमिक वैल्यू ऐडेड मॉनीटरिंग प्रोग्राम) के तहत 339 किमी विद्युत लाइनों को बदलने प्रस्ताव भेजा गया है। अगले महीने में काम शुरू होने की संभावना है। -एससी शर्मा, अधिशासी अभियंता।
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