प्रधानमंत्री आदर्श गांवों में पेयजल व्यवस्था ध्वस्त

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उन्नाव। प्रधानमंत्री आदर्श गांवों की 40 हजार आबादी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो सका है। चयनित किए गए 13 गांवों में सोलर आरओ प्लांट न लगने से लोग हैंडपंपों का फ्लोराइड युक्त दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।
2019 में केंद्र में दूसरी बार सरकार बनाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदर्श ग्राम योजना शुरू की थी। इसके तहत उन गांवों का चयन करने के आदेश दिए गए थे, जहां अभी तक किसी भी योजना से विकास नहीं कराया जा सका था। 40 फीसदी से अधिक अनुसूचित जाति बहुल वाली ग्राम पंचायतों को प्राथमिकता देना था। शासनादेश के बाद जिले की 20 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया। इसमें पहले चरण में आरओ प्लांट लगाने की योजना पर काम शुरू हुआ था। इसके लिए 20 लाख की धनराशि निर्धारित कर 50 प्रतिशत धन दे दिया गया। यूपी कंस्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (यूपी सिडको) को कार्य के लिए नामित किया गया था। सोलर आरओ प्लांट लगाने की समयावधि 31 दिसंबर 2021 निर्धारित की गई थी लेकिन अभी भी 13 गांवों में प्लांट नहीं लग सके हैं। इन गांवों के पानी में फ्लोराइड की अधिकता है।
ये गांव हैं चयनित
बांगरमऊ ब्लाक के कुरसठ ग्रामीण व गौरियाकलां, मियागंज का मुजफ्फरपुर सर्रा, कुलहा अटौरा, औरास का नंदौली, हाजीपुर गोसा, धमियाना, बरादेव, पुरथ्यावां, हसनपुर पश्चिमगांव, हसनगंज का धौरा, ऊंचद्वार, सैदपुर, हाजीपुर तरेहा, बीबीपुर चिरयारी, हरियावर, बीघापुर का कुंभी, असोहा का समाधा, नवाबगंज का सेरसा, सुमेरपुर का हमीरपुर शामिल हैं। सेरसा में अब तक मात्र 35 फीसदी ही काम पूरा हो सका है। यहां की आबादी 3500 है। प्रधान संतोष कुमार ने बताया कि एक साल पूर्व काम की शुरुआत की गई थी। प्लास्टर बोरिंग आदि का काम तो हुआ लेकिन अब तक शुद्ध पानी का कोई प्रबंध नहीं हो सका है। यही स्थिति धमियाना, धौरा, हाजीपुर गोशा, हमीरपुर, हरियावपुर, अटौरा, कुंभी, मुजफ्फरपुर सर्रा, समाधा, आदि गांवों की है।
लोगों ने बताई समस्या
विनोद कुमार ने बताया कि गांव के काफी लोग हैंडपंप का पानी पीते हैं। दूषित पानी होने से बीमार होने का खतरा रहता है।
रामलखन का कहना है कि गांव में शुद्ध पेयजल का संकट है। लोग हैंडपंपों पर ही निर्भर हैं।
जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) सृष्टि अवस्थी ने बताया कि 13 गांवों में सोलर आरओ प्लांट लग गए हैं। पहली किस्त से जितना काम होना था, हो गया है। दूसरी किस्त मिलने के बाद आगे का काम पूरा कराया जाएगा।

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उन्नाव। प्रधानमंत्री आदर्श गांवों की 40 हजार आबादी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो सका है। चयनित किए गए 13 गांवों में सोलर आरओ प्लांट न लगने से लोग हैंडपंपों का फ्लोराइड युक्त दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।

2019 में केंद्र में दूसरी बार सरकार बनाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदर्श ग्राम योजना शुरू की थी। इसके तहत उन गांवों का चयन करने के आदेश दिए गए थे, जहां अभी तक किसी भी योजना से विकास नहीं कराया जा सका था। 40 फीसदी से अधिक अनुसूचित जाति बहुल वाली ग्राम पंचायतों को प्राथमिकता देना था। शासनादेश के बाद जिले की 20 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया। इसमें पहले चरण में आरओ प्लांट लगाने की योजना पर काम शुरू हुआ था। इसके लिए 20 लाख की धनराशि निर्धारित कर 50 प्रतिशत धन दे दिया गया। यूपी कंस्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (यूपी सिडको) को कार्य के लिए नामित किया गया था। सोलर आरओ प्लांट लगाने की समयावधि 31 दिसंबर 2021 निर्धारित की गई थी लेकिन अभी भी 13 गांवों में प्लांट नहीं लग सके हैं। इन गांवों के पानी में फ्लोराइड की अधिकता है।

ये गांव हैं चयनित

बांगरमऊ ब्लाक के कुरसठ ग्रामीण व गौरियाकलां, मियागंज का मुजफ्फरपुर सर्रा, कुलहा अटौरा, औरास का नंदौली, हाजीपुर गोसा, धमियाना, बरादेव, पुरथ्यावां, हसनपुर पश्चिमगांव, हसनगंज का धौरा, ऊंचद्वार, सैदपुर, हाजीपुर तरेहा, बीबीपुर चिरयारी, हरियावर, बीघापुर का कुंभी, असोहा का समाधा, नवाबगंज का सेरसा, सुमेरपुर का हमीरपुर शामिल हैं। सेरसा में अब तक मात्र 35 फीसदी ही काम पूरा हो सका है। यहां की आबादी 3500 है। प्रधान संतोष कुमार ने बताया कि एक साल पूर्व काम की शुरुआत की गई थी। प्लास्टर बोरिंग आदि का काम तो हुआ लेकिन अब तक शुद्ध पानी का कोई प्रबंध नहीं हो सका है। यही स्थिति धमियाना, धौरा, हाजीपुर गोशा, हमीरपुर, हरियावपुर, अटौरा, कुंभी, मुजफ्फरपुर सर्रा, समाधा, आदि गांवों की है।

लोगों ने बताई समस्या

विनोद कुमार ने बताया कि गांव के काफी लोग हैंडपंप का पानी पीते हैं। दूषित पानी होने से बीमार होने का खतरा रहता है।

रामलखन का कहना है कि गांव में शुद्ध पेयजल का संकट है। लोग हैंडपंपों पर ही निर्भर हैं।

जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) सृष्टि अवस्थी ने बताया कि 13 गांवों में सोलर आरओ प्लांट लग गए हैं। पहली किस्त से जितना काम होना था, हो गया है। दूसरी किस्त मिलने के बाद आगे का काम पूरा कराया जाएगा।

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