भैंस से था उसे बेइंतहा प्यार: चरने गईं भैंसें वापस न लौटीं तो रजनी ने दे दी जान, हर पल उसे पसंद था उनका साथ

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उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के कुरोना गांव से पालतू पशु और इंसान के बीच का रिश्ता कितना खास होता है, इसका उदाहरण सामने आया है। जिसमें एक युवती ने चरने गईं उसकी भैंसें गुम होने पर जान दे दी। बताया जा रहा है कि भैंसें गुम होने के बाद से ही युवती परेशान रहने लगी थी। 20 जुलाई को उसने घर में फांसी लगा ली। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

जालौन के कुरोना गांव निवासी बैनी केवट के घर में तीन भैंसें पली हुईं थीं, जिनकी देखभाल उनकी बेटी रजनी करती थी। उन्हें चारा देने से लेकर उनके पानी तक का इंतजाम रजनी ही करती थी। रजनी को उनका साथ बहुत अच्छा लगता था और वह अपना ज्यादातर समय भैंसों के साथ ही बिताती थीं।

पिता ने बताया कि आठ जुलाई को भैंसें चरने के लिए छोड़ी थीं, लेकिन वे लौटकर वापस नहीं आईं। इससे रजनी अवसाद में रहने लगी थी। इसी अवसाद के चलते 20 जुलाई को उसने घर में फांसी लगा ली। हालत गंभीर होने पर उसे उरई से झांसी मेडिकल कॉलेज लाया गया। यहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

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उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के कुरोना गांव से पालतू पशु और इंसान के बीच का रिश्ता कितना खास होता है, इसका उदाहरण सामने आया है। जिसमें एक युवती ने चरने गईं उसकी भैंसें गुम होने पर जान दे दी। बताया जा रहा है कि भैंसें गुम होने के बाद से ही युवती परेशान रहने लगी थी। 20 जुलाई को उसने घर में फांसी लगा ली। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

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