Chambal River: कोटा बैराज से छोड़ा गया 1.25 लाख क्यूसेक पानी, बाढ़ की आशंका से डरे 38 गांवों के लोग

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आगरा जिले के पिनाहट क्षेत्र में चंबल नदी का जलस्तर बढ़ना जारी है। बुधवार की सुबह नदी का जलस्तर बढ़कर 120.50 मीटर पर पहुंच गया। खादर और खेतों में पानी भरने के बाद कछार में बसे 38 गांवों के लोग बाढ़ की आशंका से डरे हुए हैं। हालांकि चेतावनी स्तर 127 मीटर से अभी चंबल नदी सात मीटर नीचे बह रही है। वहीं जलस्तर से पिनाहट में स्टीमर का संचालन बंद हो गया है।   

राजस्थान में हो रही बारिश के दबाब में कोटा बैराज से 1.25 लाख क्यूसेक पानी और चंबल नदी में छोड़ा गया है। इससे नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बाह के एसडीएम रतन वर्मा ने बताया कि 38 गांवों के लेखपालों को नदी के जलस्तर पर निगरानी करते रहने के निर्देश दिए गए हैं। चेतावनी स्तर तक चंबल का पानी पहुंचने से पहले प्रभावित गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर कर दिया जाएगा। इसके लिए आठ बाढ़ चौकियां और तहसील मुख्यालय पर कंट्रोल रूम बनाया गया है। 

चंबल नदी के उफान से निचले इलाकों के बीहड़ से जुड़ने वाले रास्तों पर पानी भर गया है। बाढ़ का दंश झेल चुके नदी किनारे के ग्रामीण इससे परेशान हैं। एसडीएम ने बताया कि फिलहाल अभी बाढ़ का कोई खतरा नहीं है।

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भिंड की सीमा पर मरम्मत के चलते उदी पुल बंद इन दिनों बंद है। कैंजरा का पांटून पुल भी बारिश में नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण हटा दिया गया है। इधर, सावन महीने में गंगाजल की कांवड़ लेकर हजारों कांवड़िया यहां से गुजरते हैं। सोमवार को कांवड़ियों की भीड़ चंबल पार करने के लिए पिनाहट-उसैथ घाट पर जमा थी। रात होने के कारण स्टीमर बंद कर दिया गया। इससे घाट पर करीब 2500 कांवडिए फंस गए थे। 

कांवड़ियों ने रात में ही स्टीमर चलाकर चंबल पार कराने के लिए हंगामा शुरू कर दिया। इस पर एसडीएम बाह, सीओ पिनाहट के अलावा  तहसीलदार सर्वेश कुमार सिंह, नायब तहसीलदार गौरव अग्रवाल आदि पहुंचे। अफसरों ने सुबह स्टीमर से नदी पार कराने का आश्वासन देकर उन्हें शांत कराया। इसके बाद कांवड़ियों के भोजन आदि का भी प्रबंध कराया गया। 

चंबल नदी के तेज बहाव से जूझ रहे घड़ियालों के शिशु जिंदगी के लिए झटपटा रहे हैं। जिंदगी की जद्दोजहद से जूझ रहे नदी के बीच में फंसे घड़ियालों के शिशुओं के बहने का खतरा पैदा हो गया है। खादरों में आने वाले घड़ियाल शिशुओं को नदी के किनारे तक पहुंचाने के लिए वन विभाग कॉम्बिंग कर रहा है।

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