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वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि मगरमच्छ पास ही स्थित नहर से गांव पहुंचा होगा। संस्था का उद्देश्य लोगों को जागरूक कर कारणों से अवगत कराकर ऐसी परिस्थिति को कम करना है, जो मगरमच्छों को आबादी वाले इलाकों में आने के लिए मजबूर करती हैं।
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंजर्वेशन प्रोजेक्ट्स बैजूराज एम.वी ने कहा कि मगरमच्छ तालाबों, नदियों, झीलों और दलदलों सहित मीठे पानी में पाए जाते हैं। वे अधिक उपयुक्त आवास की तलाश में भूमि पर भी काफी दूरी तय कर सकते हैं।
जसराना के क्षेत्रीय वनाधिकारी सुरेंद्र सारस्वत ने बताया कि वाइल्डलाइफ एसओएस के सहयोग से मगरमच्छ को सुरक्षित रूप से पकड़ लिया गया है। इसके बाद उसे गांव से दूर लेकर प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया गया।
थाना जसराना क्षेत्र में मगरमच्छ पूर्व में भी नहर से निकलकर गांवों में पहुंच चुके हैं। 2 नवंबर 2021 को गांव सिरौला में मगरमच्छ घर में घुस आया था। 11 अक्तूबर 2021 को खड़ीत नहर से मगरमच्छ खेतों से होता हुआ मिलावली गांव के नाले तक पहुंच गया था।
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