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मैनपुरी के भोगांव स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में तीन साल पहले हुई छात्रा की मौत का राज दूसरी एसआईटी भी नहीं खोल सकी है। दुष्कर्म करने वाले का एसआईटी सुराग तक नहीं लगा सकी है। छात्रा के शव पर पाए गए स्पर्म के बाद दुष्कर्मी का पता लगाने के हाईकोर्ट निर्देश दे चुका है।
हॉस्टल में रह रही कक्षा 11 की छात्रा की 16 सितंबर 2019 को संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। परिजन ने पोस्टमार्टम के दौरान दुष्कर्म की पुष्टि के लिए स्लाइड बनाने की मांग की। पोस्टमार्टम में आत्महत्या और स्लाइड की जांच में छात्रा के शरीर पर मेल स्पर्म पाए जाने की पुष्टि हुई। मामले की जांच पहले थाना भोगांव पुलिस, बाद में एसटीएफ और फिर एसआईटी ने की।
सामाजिक कार्यकर्ता एमपी सिंह की हाईकोर्ट में याचिका पर 18 सितंबर 2021 को दूसरी एसआईअी बनाई गई। यह भी आज तक दुष्कर्मी का सुराग नहीं लगा सकी है। छात्रा को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में प्रधानाचार्य सुषमा सागर को जेल भेजा जा चुका है। जिला न्यायालय से जमानत खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में आवेदन किया है।
निलंबन तक की हुई कार्रवाई
स्लाइड रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि के बाद शासन ने तत्कालीन डीएम प्रमोद कुमार उपाध्याय, एसपी अजय शंकर राय का तबादला कर दिया था। तत्कालीन थाना भोगांव के प्रभारी निरीक्षक पहुप सिंह, सीओ भोगांव प्रयांक जैन, एएसपी ओमप्रकाश सिंह को निलंबित किया गया था।
डीजीपी किए गए थे तलब
सामाजिक कार्यकर्ता एमपी सिंह की याचिका पर हाईकोर्ट ने जांच की धीमी गति पर तत्कालीन डीजीपी मुकुल गोयल को तलब किया। इलाहाबाद में ही एक दिन रुककर प्रगति रिपोर्ट देने को कहा। अगले दिन उनको इलाहाबाद से जाने दिया।
मेडिकल जांचें रहीं बेअसर
दुष्कर्मी का पता लगाने के लिए एसआईटी द्वारा 500 से अधिक लोगों के डीएनए टेस्ट कराए। स्पेशल जज पॉक्सो कोर्ट की अनुमति के बाद 12 लोगों के पॉलीग्राफी तथा चार लोगों के नार्को टेस्ट कराए जा चुके हैं।
पूर्व डीजीसी चतुर सिंह ने कहा कि संदिग्ध हालत में छात्रा की हुई मौत के बाद स्लाइड की जांच में मेल स्पर्म पाए जाने के बाद यह साबित हुआ है कि छात्रा के साथ दुष्कर्म हुआ है। आत्महत्या करने का कारण भी मनोवैज्ञानिक दबाव होता है। दुष्कर्मी का सुराग लगाया जाना जरूरी है।
विस्तार
मैनपुरी के भोगांव स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में तीन साल पहले हुई छात्रा की मौत का राज दूसरी एसआईटी भी नहीं खोल सकी है। दुष्कर्म करने वाले का एसआईटी सुराग तक नहीं लगा सकी है। छात्रा के शव पर पाए गए स्पर्म के बाद दुष्कर्मी का पता लगाने के हाईकोर्ट निर्देश दे चुका है।
हॉस्टल में रह रही कक्षा 11 की छात्रा की 16 सितंबर 2019 को संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। परिजन ने पोस्टमार्टम के दौरान दुष्कर्म की पुष्टि के लिए स्लाइड बनाने की मांग की। पोस्टमार्टम में आत्महत्या और स्लाइड की जांच में छात्रा के शरीर पर मेल स्पर्म पाए जाने की पुष्टि हुई। मामले की जांच पहले थाना भोगांव पुलिस, बाद में एसटीएफ और फिर एसआईटी ने की।
सामाजिक कार्यकर्ता एमपी सिंह की हाईकोर्ट में याचिका पर 18 सितंबर 2021 को दूसरी एसआईअी बनाई गई। यह भी आज तक दुष्कर्मी का सुराग नहीं लगा सकी है। छात्रा को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में प्रधानाचार्य सुषमा सागर को जेल भेजा जा चुका है। जिला न्यायालय से जमानत खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में आवेदन किया है।
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