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अचलगंज। जमुका स्थित पेपर मिल की रोलिंग मशीन में फंसकर श्रमिक की मौत हो गई। इस पर परिजनों ने मिल में हंगामा किया। मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार और सीओ ने किसी तरह उन्हें शांत कराया है। इसके बाद प्रबंधन की ओर से श्रमिक के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा और पत्नी को पांच हजार रुपये मासिक पेंशन देने की भी बात कही गई।
ग्रामसभा पर्डी के गांव के मजरा तिवारीखेड़ा निवासी संतोष तिवारी (40) जमुका गांव स्थित बजाज पेपर मिल में काम करता था। शनिवार दोपहर करीब 12 बजे काम करते समय उनका दाहिना हाथ रोलिंग मशीन के पट्टे में फंस गया और वह सिर तक गंभीर रूप से घायल हो गया। संतोष को आनन फानन जिला अस्पताल पहुंचाया गया जहां मृत घोषित कर दिया गया।
घटना की सूचना पर पत्नी गुड़िया व अन्य परिजन ग्रामीणों के साथ अस्पताल पहुंचे। पोस्टमार्टम से पहले शव मिल लेकर जाने का दबाव बनाने लगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें शव नहीं ले जाने दिया। इसके बाद करीब 100 लोगों की भीड़ पेपर मिल पहुंची और मुआवजे की मांग पर हंगामा शुरू कर दिया।
अचलगंज थानाध्यक्ष अरविंद कुमार पांडेय पहुंचे और परिजनों को समझाने का प्रयास किया। सीओ डीपी सिंह और नायब तहसीलदार मंजुला मिश्रा भी मौके पर पहुंचीं।
परिजनों की बात सुुनने के बाद अधिकारियों ने मिल प्रबंधन से बात की। प्रबंधक राजीव बजाज ने मृतक की पत्नी को चार लाख रुपये और तीन छोटे बच्चों के नाम दो-दो लाख रुपये फिक्स कराने की बात कही। इसके साथ ही सबसे छोटे बच्चे के 21 साल तक का होने तक मृतक की पत्नी को पांच हजार रुपये महीना पेंशन देने को कहा। सहमति बनने के बाद तीन घंटे बाद हंगामा शांत हुआ।
पत्नी ने बताया कि उसके तीन बच्चों में शौर्य, पंछी व छह माह की बेटी है। नायब तहसीलदार ने बताया कि मिल के प्रबंधक ने मुआवजा व पत्नी को पेंशन देने की बात कही है। मामला शांत हो गया है।
अचलगंज। जमुका स्थित पेपर मिल की रोलिंग मशीन में फंसकर श्रमिक की मौत हो गई। इस पर परिजनों ने मिल में हंगामा किया। मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार और सीओ ने किसी तरह उन्हें शांत कराया है। इसके बाद प्रबंधन की ओर से श्रमिक के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा और पत्नी को पांच हजार रुपये मासिक पेंशन देने की भी बात कही गई।
ग्रामसभा पर्डी के गांव के मजरा तिवारीखेड़ा निवासी संतोष तिवारी (40) जमुका गांव स्थित बजाज पेपर मिल में काम करता था। शनिवार दोपहर करीब 12 बजे काम करते समय उनका दाहिना हाथ रोलिंग मशीन के पट्टे में फंस गया और वह सिर तक गंभीर रूप से घायल हो गया। संतोष को आनन फानन जिला अस्पताल पहुंचाया गया जहां मृत घोषित कर दिया गया।
घटना की सूचना पर पत्नी गुड़िया व अन्य परिजन ग्रामीणों के साथ अस्पताल पहुंचे। पोस्टमार्टम से पहले शव मिल लेकर जाने का दबाव बनाने लगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें शव नहीं ले जाने दिया। इसके बाद करीब 100 लोगों की भीड़ पेपर मिल पहुंची और मुआवजे की मांग पर हंगामा शुरू कर दिया।
अचलगंज थानाध्यक्ष अरविंद कुमार पांडेय पहुंचे और परिजनों को समझाने का प्रयास किया। सीओ डीपी सिंह और नायब तहसीलदार मंजुला मिश्रा भी मौके पर पहुंचीं।
परिजनों की बात सुुनने के बाद अधिकारियों ने मिल प्रबंधन से बात की। प्रबंधक राजीव बजाज ने मृतक की पत्नी को चार लाख रुपये और तीन छोटे बच्चों के नाम दो-दो लाख रुपये फिक्स कराने की बात कही। इसके साथ ही सबसे छोटे बच्चे के 21 साल तक का होने तक मृतक की पत्नी को पांच हजार रुपये महीना पेंशन देने को कहा। सहमति बनने के बाद तीन घंटे बाद हंगामा शांत हुआ।
पत्नी ने बताया कि उसके तीन बच्चों में शौर्य, पंछी व छह माह की बेटी है। नायब तहसीलदार ने बताया कि मिल के प्रबंधक ने मुआवजा व पत्नी को पेंशन देने की बात कही है। मामला शांत हो गया है।
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