कागजों पर शौचालय निर्माण करा निकाले 5.76 लाख

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उन्नाव। मियागंज ब्लॉक की ग्राम पंचायत परेंदा में पूर्व प्रधान व सचिव ने कागजों पर ही शौचालय निर्माण कराकर 5.76 लाख रुपये निकाल लिए। मामले की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
परेंदा गांव के लोगों ने डीएम को शिकायतीपत्र देकर बताया था कि ग्राम पंचायत में पूर्व प्रधान व सचिव ने कई शौचालय बनवाए नहीं और सरकारी धन का गबन कर लिया। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला विकास अधिकारी व ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के अधिशासी अभियंता को जांच सौंपी थी। दोनों अधिकारियों ने गांव जाकर शौचालयों का स्थलीय सत्यापन किया।
वर्ष 2017 से 2020 तक की अभिलेखीय जांच की। इस दौरान 48 शौचालय मौके पर नहीं बने मिले। जबकि अभिलेखों में इन शौचालयों का निर्माण पूरा दिखाकर 5.76 लाख रुपये निकाले गए थे। जांच में गबन की पुष्टि होने पर दोनों अधिकारियों ने रिपोर्ट डीएम को दे दी है। डीएम ने डीपीआरओ को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
जांच रिपोर्ट के आधार पर पूर्व प्रधान रीना सिंह व तत्कालीन पंचायत सचिव जंग बहादुर को गबन का दोषी मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। बीच में मामला कोर्ट चला गया था। कोर्ट ने दोषियों का पक्ष जानकर आगे की कार्रवाई को निर्देशित किया। इस पर पूर्व प्रधान ने जो स्पष्टीकरण दिया है, उसके सत्यापन के लिए जांच अधिकारियों को भेजा गया है। – डॉ. निरीश चंद्र साहू, डीपीआरओ।

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उन्नाव। मियागंज ब्लॉक की ग्राम पंचायत परेंदा में पूर्व प्रधान व सचिव ने कागजों पर ही शौचालय निर्माण कराकर 5.76 लाख रुपये निकाल लिए। मामले की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

परेंदा गांव के लोगों ने डीएम को शिकायतीपत्र देकर बताया था कि ग्राम पंचायत में पूर्व प्रधान व सचिव ने कई शौचालय बनवाए नहीं और सरकारी धन का गबन कर लिया। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला विकास अधिकारी व ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के अधिशासी अभियंता को जांच सौंपी थी। दोनों अधिकारियों ने गांव जाकर शौचालयों का स्थलीय सत्यापन किया।

वर्ष 2017 से 2020 तक की अभिलेखीय जांच की। इस दौरान 48 शौचालय मौके पर नहीं बने मिले। जबकि अभिलेखों में इन शौचालयों का निर्माण पूरा दिखाकर 5.76 लाख रुपये निकाले गए थे। जांच में गबन की पुष्टि होने पर दोनों अधिकारियों ने रिपोर्ट डीएम को दे दी है। डीएम ने डीपीआरओ को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

जांच रिपोर्ट के आधार पर पूर्व प्रधान रीना सिंह व तत्कालीन पंचायत सचिव जंग बहादुर को गबन का दोषी मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। बीच में मामला कोर्ट चला गया था। कोर्ट ने दोषियों का पक्ष जानकर आगे की कार्रवाई को निर्देशित किया। इस पर पूर्व प्रधान ने जो स्पष्टीकरण दिया है, उसके सत्यापन के लिए जांच अधिकारियों को भेजा गया है। – डॉ. निरीश चंद्र साहू, डीपीआरओ।

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