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पहले जानिए ये उल्टी किसकी होती है?
जिस उल्टी की बात हम कर रहे हैं, वो स्पर्म व्हेल मछली की होती है। जी हां, स्पर्म व्हेल मछली। इस उल्टी को एम्बरग्रीस कहते हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी डिमांड काफी होती है और इसकी कीमत भी। क्योंकि इसी एम्बरग्रीस से परफ्यूम बनता है।
मछली की उल्टी का क्या होता है?
स्पर्म व्हेल मछली की उल्टी को एम्बरग्रीस कहते हैं। यही एम्बरग्रीस लखनऊ के तस्करों के पास से बरामद हुआ है। हालांकि, स्पर्म व्हेल की हर उल्टी एम्बरग्रीस नहीं होती है। दरअसल, इसके पीछे भी एक बड़ा कारण है। स्पर्म व्हेल मछलियां खाने में ज्यादातर कटलफिश और स्क्वीड खाती हैं। लेकिन इनकी हड्डियां ये व्हेल मछली पचा नहीं पाती है। तो वो इन्हें उल्टी करके शरीर से बाहर निकालती हैं। हालांकि, कई बार ये हड्डियां स्पर्म व्हेल के आंत में फंस जाती हैं। ऐसे में जब मछली का शरीर हिलता-ढुलता है तो इन हड्डियों के आंत में ही टुकड़े-टुकड़े हो जाते हैं। फिर ये टुकडे-टुकड़े मिलकर बड़े हो जाते हैं। इन्हें जोड़ने का काम व्हेल मछली के पाचन तंत्र से निकलने वाला पाचक रस करता है। ये पाचक रस एक तरह से गोंद का काम करता है। तब जाकर व्हेल के आंतों में एम्बरग्रीस तैयार होता है।
मछली के शरीर से एम्बरग्रीस बाहर कैसे आती है?
इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं होती हैं। कुछ लोग कहते हैं कि मछली इस एम्बरग्रीस को उल्टी की तरह उगल देती है। कुछ लोग ये भी कहते हैं कि ये एम्बरग्रीस व्हेल के शौच से बाहर आता है।
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