हत्या, लूट, रंगदारी मांगने जैसे मुकदमों में वांछित एक लाख रुपये के इनामी बदमाश विनोद सिंह को पुलिस ने शुक्रवार की शाम मुठभेड़ में मार गिराया। जबकि उसका साथी फरार हो गया। विनोद के खिलाफ विभिन्न थानों में 25 मुकदमे दर्ज हैं। तीन दिनों से वह कई डॉक्टरों को फोन करके रंगदारी की मांग कर रहा था। उस पर गैंगस्टर का भी केस दर्ज है। पुलिस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2004 में जिले के सरपतहां थाने में इसके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। उसके बाद हर वर्ष मुकदमे दर्ज होने लगे। बड़ी-बड़ी घटनाओं में भी इसका नाम आया। वर्ष 2005 में इसके खिलाफ गुंडा एक्ट में कार्रवाई की गई थी।
दो साल के बाद वर्ष 2007 में गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस के रिकार्ड में सरपतहां थाने में कुल 11 मुकदमे इस पर दर्ज हैं। बदलापुर थाने में भी चार मुकदमे दर्ज हैं। बक्शा, खुटहन, लाइनबाजार थानों में भी इसके खिलाफ हत्या, लूट और रंगदारी मांगने का मामला दर्ज है।
थाना प्रभारी लाइन बाजार ने बताया कि दो दिन पहले ही इसने क्षेत्र के डॉक्टर आरएन यादव को फोन करके दो लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। इस पर उन्होंने मुकदमा दर्ज कराया था।
बदमाश विनोद सिंह का अपराध से नाता पुराना है। करीब डेढ़ दशक पहले ही इसने अपराध की दुनिया में कदम रखा था। सरपतहां थाना क्षेत्र के छितमपट्टी गांव निवासी रणजीत सिंह के चार पुत्रों में यह तीसरे नंबर का था। पिता की मौत करीब 15 साल पहले ही हो गई थी।
पिता की मौत के बाद वह अपने हिस्से की जमीन आदि बेचकर ससुराल बदलापुर क्षेत्र के मेढ़ा में रहने लगा। सरपतहां इलाके में कम ही आना-जाना होता था। करीब तीन साल से अपने ससुराल भी नहीं जाता था।
विनोद सिंह के बारे में पुलिस को शुक्रवार की सुबह ही सूचना मिल गई थी। बदलापुर इलाके में जांच की जा रही थी तभी पुलिस पर फायरिंग करके भागने लगा। पुलिस की फायरिंग उसको भी गोली लगी। पुलिस टीम में थाना प्रभारी बदलापुर योगेंद्र सिंह, सिकरारा थाना प्रभारी विवेक तिवारी, बक्शा थाना प्रभारी त्रिवेणी सिंह, मड़ियाहूं थाना प्रभारी ओम नारायण सिंह व क्राइम ब्रांच प्रभारी आदेश त्यागी शामिल थे। एसएसपी अजय साहनी ने नेतृत्व में कार्रवाई हुई।