Varanasi: जफर सरेशवाला बोले- सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को मजहब के चश्मे से देखना गलत

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प्रेस वार्ता में जफर सरेशवाला

प्रेस वार्ता में जफर सरेशवाला
– फोटो : अमर उजाला

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 कोई भी समाज बिना शिक्षा के ऊपर नहीं आ सकता है। देश में गरीबी किसी मजहब और जाति को देखकर नहीं समझी जा सकती है। सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को किसी मजहब के चश्मे से देखना गलत है। ये बातें कैंटोमेंट स्थित एक होटल में पावर ऑफ एजुकेशन तालीम-ओ-तरबियत कार्यक्रम चलाने वाले मौलाना आजाद उर्दू नेशनल यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर जफर सरेशवाला ने  कहीं।

उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ सभी को उठाने की जरूरत है। ताकि देश आत्मनिर्भर बन सके। किसी भी शिक्षित समाज के लिए जरूरी है कि उसका चरित्र बेहतर हो। ताकि शिक्षा और चरित्र मिलकर एक अच्छा समाज बने। कार्यक्रम का उद्देश्य समाज के गरीब व वंचित परिवार के बच्चों को शिक्षा से जोड़कर उन्हें मुख्य धारा में लाने का प्रयास है।

उन्हें शिक्षा के प्रति जागृत करना है। उन्होंने कहा कि आठ साल में बनारस बदल चुका है। कार्यक्रम अब तक देश के 53 से ज्यादा शहरों में किया जा चुका है।

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 कोई भी समाज बिना शिक्षा के ऊपर नहीं आ सकता है। देश में गरीबी किसी मजहब और जाति को देखकर नहीं समझी जा सकती है। सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को किसी मजहब के चश्मे से देखना गलत है। ये बातें कैंटोमेंट स्थित एक होटल में पावर ऑफ एजुकेशन तालीम-ओ-तरबियत कार्यक्रम चलाने वाले मौलाना आजाद उर्दू नेशनल यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर जफर सरेशवाला ने  कहीं।

उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ सभी को उठाने की जरूरत है। ताकि देश आत्मनिर्भर बन सके। किसी भी शिक्षित समाज के लिए जरूरी है कि उसका चरित्र बेहतर हो। ताकि शिक्षा और चरित्र मिलकर एक अच्छा समाज बने। कार्यक्रम का उद्देश्य समाज के गरीब व वंचित परिवार के बच्चों को शिक्षा से जोड़कर उन्हें मुख्य धारा में लाने का प्रयास है।

उन्हें शिक्षा के प्रति जागृत करना है। उन्होंने कहा कि आठ साल में बनारस बदल चुका है। कार्यक्रम अब तक देश के 53 से ज्यादा शहरों में किया जा चुका है।



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