कासगंज: बदलती रहीं सरकारें, नहीं खत्म हुई सिंचाई की समस्या, 25 वर्षों से रजबहा में नहीं आया पानी

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सार

पिछले 25 वर्षों से रजबहा में पानी नहीं आया है, यहां आम के बगीचे थे जो पानी की कमी के चलते काट दिए गए। बागवानी करने वाले लोगों को बड़ा झटका पानी न मिलने से लगा है।

सूखा पड़ा रजबहा
– फोटो : अमर उजाला

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अनूपशहर ब्रांच से जुड़े रजबहा व माइनरों में पिछले 25 वर्षों से पानी नहीं आ रहा । 50 गांवों के किसानों के सामने सिंचाई का संकट है। सरकारें बदलीं, राजनीति के चेहरे बदले, लेकिन कोई भी इस समस्या का समाधान नहीं करवा सका। आखिर इलाके के किसान अपनी समस्या किसके सामने रखें।
अनूपशहर ब्रांच के अंतर्गत जिले में 13 रजबहा हैं। नरौरा नहर विभाग पर इस रजबहा के अनुरक्षण का जिम्मा है, लेकिन टेल तक पानी पहुंचाने के लिए पिछले 25 वर्षों से कोई कवायद नहीं हुई। लोगों के आंदोलन और मांग के दबाव में बीच में बार-बार पानी छोड़ने की कवायद होती है, लेकिन यह पानी जिले की सीमा तक नहीं आ पाता। पड़ोसी जनपद अलीगढ़ के ग्रामीण इलाकों में ही पानी की खपत हो जाती है। इस क्षेत्र के भूड़ का नगला, किनावा, इनायत, ढोलना, इसेपुर, महावर, इटौआ, गोदानगला, छत्ता नगला, भड़सौली जंगल, जरैड, रहमतपुरमाफी, जखेरा, महेशपुरा, सिरौली, फिरोजपुर आदि गांव रजबहा और माइनरों से सिंचाई पर निर्भर रहते हैं लेकिन रजबहा में पानी न आने के कारण किसान डीजल पंप और नलकूप के सहारे ही सिंचाई करने को मजबूर हैं। जिससे किसानों की खेती की लागत बढ़ती है। रजबहा में पानी न आने का सबसे ज्यादा प्रभाव इस इलाके की बागवानी पर पड़ा है। क्योंकि इस इलाके में आम के बहुत बाग थे, जिनका कटान बाग स्वामियों ने करा दिया। पानी की कमी के कारण अब इस इलाके में गन्ने की फसल भी नहीं की जाती।

किसानों की बात
-अनूपशहर ब्रांच में पानी न आने के कारण किसानों को काफी दिक्कतें हो रहीं हैं। खेतों की सिंचाई समय से नहीं हो पाती। पंप से सिंचाई भी महंगी है, डीजल की कीमतें आसमान पर हैं। – कमल सिंह, नगला छत्ता
-लंबे बंबा में पानी नहीं देखा। पानी आसानी से मिल जाए तो खेती सस्ती होगी। अनूपशहर ब्रांच में पानी की मांग को लेकर कई बार अधिकारियों से शिकायत की है, पर समाधान नहीं हुआ। – देवेंद्र राजपूत, नगला छत्ता
– नेता चुनाव के समय में वोट मांगने तो आते हैं, तमाम वादा भी करते हैं, लेकिन उसके बाद किसानों की समस्या पर ध्यान नहीं देते। पानी आने से खेती की सिंचाई में लाभ मिलेगा। – हेम सिंह कश्यप, नगला छत्ता
– हमारे खेतों में इंजन से सिंचाई होती है जिसका पानी 150 रुपये प्रति घंटा पड़ता है। लागत भी नहीं निकल पाती। सिंचाई के पानी की कमी के कारण तमाम बाग कटवा दिए हैं। – चंदन सिंह, नगला छत्ता

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विस्तार

अनूपशहर ब्रांच से जुड़े रजबहा व माइनरों में पिछले 25 वर्षों से पानी नहीं आ रहा । 50 गांवों के किसानों के सामने सिंचाई का संकट है। सरकारें बदलीं, राजनीति के चेहरे बदले, लेकिन कोई भी इस समस्या का समाधान नहीं करवा सका। आखिर इलाके के किसान अपनी समस्या किसके सामने रखें।

अनूपशहर ब्रांच के अंतर्गत जिले में 13 रजबहा हैं। नरौरा नहर विभाग पर इस रजबहा के अनुरक्षण का जिम्मा है, लेकिन टेल तक पानी पहुंचाने के लिए पिछले 25 वर्षों से कोई कवायद नहीं हुई। लोगों के आंदोलन और मांग के दबाव में बीच में बार-बार पानी छोड़ने की कवायद होती है, लेकिन यह पानी जिले की सीमा तक नहीं आ पाता। पड़ोसी जनपद अलीगढ़ के ग्रामीण इलाकों में ही पानी की खपत हो जाती है। इस क्षेत्र के भूड़ का नगला, किनावा, इनायत, ढोलना, इसेपुर, महावर, इटौआ, गोदानगला, छत्ता नगला, भड़सौली जंगल, जरैड, रहमतपुरमाफी, जखेरा, महेशपुरा, सिरौली, फिरोजपुर आदि गांव रजबहा और माइनरों से सिंचाई पर निर्भर रहते हैं लेकिन रजबहा में पानी न आने के कारण किसान डीजल पंप और नलकूप के सहारे ही सिंचाई करने को मजबूर हैं। जिससे किसानों की खेती की लागत बढ़ती है। रजबहा में पानी न आने का सबसे ज्यादा प्रभाव इस इलाके की बागवानी पर पड़ा है। क्योंकि इस इलाके में आम के बहुत बाग थे, जिनका कटान बाग स्वामियों ने करा दिया। पानी की कमी के कारण अब इस इलाके में गन्ने की फसल भी नहीं की जाती।

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