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उन्नाव। शहरी गरीबों को अपने घर के लिए अभी कुछ माह और इंतजार करना पड़ेगा। स्वीकृत के चार साल बाद भी लाभार्थियों के घर तैयार नहीं हो सके हैं। अब बजट मिलने के बाद आवास पूरे होने की उम्मीद जगी है। यूएसडीए (उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण) के अधिकारियों का कहना है कि शासन से 11.48 करोड़ रुपये मिल गए हैं। निर्माण मार्च 2023 तक पूरा हो पाएगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत यूएसडीए (उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण) को 2018 में 624 आवास बनाने का लक्ष्य दिया गया था। इसके लिए कुल 33 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे। 2018 में ही पहली किस्त में शासन से यूएसडीए को सिर्फ 7.20 करोड़ रुपये ही अवमुक्त किए गए। कांशीराम कॉलोनी के पास भूमि का चयन कर, प्रधानमंत्री योजना के आवास बनने शुरू हुए।
इसके बाद तमाम कोशिशों के बाद बजट न मिलने से निर्माण रुक गया। लंबे इंतजार के बाद मार्च 2021 में आवास निर्माण के लिए शासन ने 3.2 करोड़ रुपये और जारी किए। जारी बजट में यूएसडीए ने छह करोड़ रुपये अपनी तरफ से मिलाकर काम फिर शुरू कराया लेकिन, इसके बाद फिर बजट की कमी रोड़ा बन गई।
लोकसभा चुनाव से पहले अधूरे आवासों को पूरा करने के लिए शासन से 11 करोड़ 48 लाख रुपये और जारी कर दिए हैं। प्राधिकरण के अधिकारियों का दावा है कि मार्च 2023 तक सभी लाभार्थियों को उनके घर की चाबी दे दी जाएगी। योजना के तहत 624 आवास आवंटित हैं। आवासों के लिए 1112 लोगों ने आवेदन किया था। यूएसडीए ने फरवरी 2020 में लॉटरी प्रक्रिया से आवेदकों का चयन कर सभी के अभिलेख पोर्टल पर अपलोड कर दिए।
यूएसडीए के एक्सईएन/ प्रभारी सचिव एपीएन सिंह ने बताया कि बजट की कमी से तय समयावधि में आवास पूरे नहीं हो पाए। शासन से बजट मिलने के बाद काम में तेजी लाते हुए 300 आवासों का प्लॉस्टर करा दिया गया है। वायरिंग, पानी की लाइन, लाइटिंग आदि भी जल्द करने को कहा गया है। मार्च 2023 तक सभी लाभार्थियों को आवास की चाबी दे दी जाएगी।
उन्नाव। शहरी गरीबों को अपने घर के लिए अभी कुछ माह और इंतजार करना पड़ेगा। स्वीकृत के चार साल बाद भी लाभार्थियों के घर तैयार नहीं हो सके हैं। अब बजट मिलने के बाद आवास पूरे होने की उम्मीद जगी है। यूएसडीए (उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण) के अधिकारियों का कहना है कि शासन से 11.48 करोड़ रुपये मिल गए हैं। निर्माण मार्च 2023 तक पूरा हो पाएगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत यूएसडीए (उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण) को 2018 में 624 आवास बनाने का लक्ष्य दिया गया था। इसके लिए कुल 33 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे। 2018 में ही पहली किस्त में शासन से यूएसडीए को सिर्फ 7.20 करोड़ रुपये ही अवमुक्त किए गए। कांशीराम कॉलोनी के पास भूमि का चयन कर, प्रधानमंत्री योजना के आवास बनने शुरू हुए।
इसके बाद तमाम कोशिशों के बाद बजट न मिलने से निर्माण रुक गया। लंबे इंतजार के बाद मार्च 2021 में आवास निर्माण के लिए शासन ने 3.2 करोड़ रुपये और जारी किए। जारी बजट में यूएसडीए ने छह करोड़ रुपये अपनी तरफ से मिलाकर काम फिर शुरू कराया लेकिन, इसके बाद फिर बजट की कमी रोड़ा बन गई।
लोकसभा चुनाव से पहले अधूरे आवासों को पूरा करने के लिए शासन से 11 करोड़ 48 लाख रुपये और जारी कर दिए हैं। प्राधिकरण के अधिकारियों का दावा है कि मार्च 2023 तक सभी लाभार्थियों को उनके घर की चाबी दे दी जाएगी। योजना के तहत 624 आवास आवंटित हैं। आवासों के लिए 1112 लोगों ने आवेदन किया था। यूएसडीए ने फरवरी 2020 में लॉटरी प्रक्रिया से आवेदकों का चयन कर सभी के अभिलेख पोर्टल पर अपलोड कर दिए।
यूएसडीए के एक्सईएन/ प्रभारी सचिव एपीएन सिंह ने बताया कि बजट की कमी से तय समयावधि में आवास पूरे नहीं हो पाए। शासन से बजट मिलने के बाद काम में तेजी लाते हुए 300 आवासों का प्लॉस्टर करा दिया गया है। वायरिंग, पानी की लाइन, लाइटिंग आदि भी जल्द करने को कहा गया है। मार्च 2023 तक सभी लाभार्थियों को आवास की चाबी दे दी जाएगी।
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