वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भीड़ नियंत्रण के लिए आए दिन व्यवस्था में बदलाव हो रहा है। इसके बावजूद श्रद्धालुओं को परेशान होना पड़ता है। शनिवार को मंदिर के सेवायत गोस्वामियों के साथ हुई बैठक के बाद रविवार सुबह पुलिस ने नई व्यवस्था लागू कर दी। इसके तहत पुलिस ने भक्तों की लाइन लगा दी। यह व्यवस्था भी भक्तों पर भारी पड़ रही है। मंदिर के दरवाजों से शुरू ही लाइन करीब दो किलोमीटर तक पहुंच गई। हजारों भक्त लाइन में लगकर अपने आराध्य के दर्शन के लिए घंटों खड़े रहे। भीड़ के दबाव में तीन किशोरियां बेहोश हो गईं। वहीं कई श्रद्धालु निराश होकर बिना दर्शन के ही वापस लौट गए। उन्होंने प्रशासन की व्यवस्था का कोसा। उनका कहना था कि यह कैसी व्यवस्था है कि श्रद्धालुओं को अपने आराध्य के दर्शन भी सुलभ न हो सके।
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रविवार की सुबह मंदिर के पट खुलने से पहले ही हजारों श्रद्धालु मंदिर के बाहर पहुंच गए। पुलिस ने नई व्यवस्था लागू करते हुए श्रद्धालुओं को लाइन में लगा दिया। श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी ज्यादा थी कि लाइन दो किमी लंबी हो गई।
बांकेबिहारी मंदिर से शुरू हुई भक्तों की लाइन हरी निकुंज चौराहा, विद्यापीठ चौराहे तक पहुंच गई। अपने आराध्य के दर्शन के लिए भक्तों को घंटों तक लाइन में खड़ा रहना पड़ा। तब जाकर उनका नंबर आया। कई श्रद्धालु निराश होकर बीच से ही लौट गए।
नई व्यवस्था के कारण बांकेबिहारी मंदिर को जाने वाली गलियों में भीड़ रही। श्रद्धालुओं की लाइन लगी होने के कारण स्थानीय लोगों को निकलने में परेशानी हुई। स्थानीय लोग घरों में कैद होकर रह गए।
अव्यवस्थाओं का आलम यह था कि विद्यापीठ चौराहे पर नाला खुला हुआ था, जिसमें धक्का-मुक्की के कारण कुछ महिला श्रद्धालु गिर गईं। वहीं भीड़ के दबाव के कारण कासगंज की दीक्षा, मानवी और अनामिका बेहोश हो गईं। उन्हें मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया।