Exclusive: गोरखपुर के उद्यमियों को है महंगी बाइक चलाने का शौक, फर्राटा भरकर दूर करते हैं तनाव

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एक विज्ञापन की पंच लाइन है कि शौक बड़ी चीज है… सच भी है कि शौक का कोई मोल नहीं होता। शौक के लिए शौकीन लोग काफी कुछ खर्च कर देते हैं। ऐसा ही एक शौक है महंगी बाइक का। जिसे यह शौक लगा तो फिर वह महंगी कारों को भी भूल जाता है। सफर लंबा हो या छोटा, महंगी बाइक पर फर्राटा भरना रोमांचक होता है। शहर के कई उद्यमी हैं, जिनके पास महंगी कारें हैं, लेकिन उनके पास महंगी बाइक भी है, जिसकी सवारी करते अक्सर वह नजर आ जाते हैं।

शहर के उद्यमी विशाल जायसवाल बताते हैं हार्ले डेविडसन बाइक चलाते समय उन्हें कॉलेज के दिनों की याद आती है। मस्ती और रोमांच का अनुभव होता है। विशाल बताते हैं कि उन्होंने करीब 20 साल पहले पहली बार पल्सर बाइक खरीदी थी। धीरे-धीरे समय आगे बढ़ा। पढ़ाई पूरी करने के बाद कारोबार में व्यस्त हो गए। चार पहिया गाड़ियां जरूरत बन गईं।

 

चार साल पहले चार दोस्तों के साथ चार पहिया गाड़ी से घूमने का प्लान बन गया। मनाली पहुंचने पर दोस्तों ने कहा कि बाइक से लद्दाख का सफर तय करना रोमांचकारी रहेगा। फिर क्या था, किराए पर बाइक लेकर मनाली से लद्दाख तक का सफर तय किया। इस सफर ने एक बार फिर बाइक से लगाव पैदा कर दिया। शहर लौटते ही लखनऊ से 6.25 लाख रुपये में हार्ले डेविडसन 750 सीसी बाइक खरीद ली। समय मिलने पर वह अक्सर इसी बाइक की सवारी करते हैं।

 

 

शहर में एक रेस्टोरेंट के निदेशक रविकर सिंह को भी महंगी बाइक का शौक है। घर में कई लग्जरी गाड़ियां होने के बावजूद वह बाइक से सफर करना पसंद करते हैं। अपनी हार्ले डेविडसन बाइक से वह अक्सर लखनऊ जाते जाते हैं। उन्होंने बताया कि बाइक का शौक पुराना है। रविकर के पांच दोस्तों की बाइकिंग वाइकिंग की टीम है। इसमें रविकर सिंह की हार्ले डेविडसन, डॉ सिद्धार्थ रॉय चौधरी की आइरन 883, अमित अग्रवाल की इंटरसेप्टर 650, गौरांग अग्रवाल की केटीएम 350 और डॉ राहुल मोदी की बीएमडब्लू 310 बाइक शामिल है। अपनी अपनी बाइक से सभी अक्सर नेपाल घूमने चले जाते हैं। आसपास के शहरों में भी टूर करते रहते हैं।

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उन्होंने बताया कि फरवरी में टीम ने बाइक से सिक्किम जाने का प्लान बनाया है। एक बड़े शैक्षिक संस्थान के निदेशक अतिरेक शाही भी महंगी बाइक का शौक रखते हैं। चार साल पहले उन्होंने लखनऊ से हार्ले डेविडसन बाइक खरीदी थी। अब इस पर अक्सर सवारी करते नजर आ जाते हैं। वह कहते हैं कि बाइक चलाने का आनंद ही अलग होता है। इसे चलाने पर अलग तरीके का रोमांच अनुभव होता है।

 

और पत्नी संग बाइक चलाकर दूर करते हैं तनाव

शहर के प्रसिद्ध प्लाइवुड फर्म के निदेशक राज नेमानी को भी महंगी बाइक की सवारी करने का शौक है। वह बताते हैं कि दिनभर की तमाम व्यस्तताओं के बीच जब कभी दिमाग किसी उलझन में फंस जाता है, तो बाइक की सवारी सुकून देती है। ऐसे में वह पत्नी के साथ बाइक से शहर की सड़कों पर दो-चार घंटा घूमते हैं। किसी रेस्टोरेंट में भोजन करते हैं। ऐसा करने से कॉलेज जीवन याद आ जाता है और सारा तनाव दूर हो जाता है। शरीर में ताजगी का अनुभव होता है।



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