कार्रवाई : हाईकोर्ट जज के रिश्तेदार के बेड की गंदी चादर न बदलने पर एसआरएन के तीन कर्मचारी निलंबित

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Prayagraj News :  स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल।

Prayagraj News : स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल।
– फोटो : अमर उजाला।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति के रिश्तेदार की गंदी बेड कवर बदलने के आग्रह को ठुकराना स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के तीन कर्मियों के लिए भारी पड़ गया। चिकित्सालय में कार्य में लापरवाही और शिथिलता बरतने पर रविवार को दो नर्स और एक वार्ड ब्वाय को निलंबित कर दिया गया है। इस तरह की घटना के लिए अस्पताल के अफसरों ने तीमारदारों के आगे खेद भी जताया है। 

हृदय रोग से पीड़ित एक न्यायमूर्ति के रिश्तेदार का एसआरएन में उपचार कराया जा रहा था। मरीज को  जिस वार्ड के बेड पर भर्ती कराया गया था, वहां तैनात नर्स और वार्ड ब्वाय के कार्य में शिथिलता पाई गई है। दरअसल उनकी बेड पर पानी गिर गया। इसके बाद तीमारदारों ने वार्ड में तैनात कर्मियों से बेड कवर बदलने का आग्रह किया।

इस पर नर्स और वार्ड ब्वाय ने अनसुनी तक दी। कर्मियों ने तीमारदारों से कहा कि उनके पास बेड कवर नहीं है। वह चाहें तो अपने घर से बेड कवर ले आएं। इसकी जानकारी परिजनों ने न्यायमूर्ति को दी तो मामला बढ़ गया। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह को जब इसकी जानकारी मिली तो वह खुद मौके पर पहुंच गए। वहां उन्होंने बेड कवर बदलवाने के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त कराईं।

साथ ही उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार दो पुरुष नर्सों अमित सिंह, संदीप यादव के अलावा वार्ड ब्वाय अभिषेक मिश्रा को निलंबित करने के लिए प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय कुमार सक्सेना को निर्देश दिया। इसके बाद तीनों को निलंबित कर दिया गया। दोबारा इस तरह की गलती न होने देने के लिए प्राचार्य ने न्यायमूर्ति और उनके रिश्तेदारों से खेद भी जताया। 

तीमारदार की ओर से चादर मांगने पर नर्स द्वारा घर से चादर लाने के लिए कहा गया, लेकिन, चादर नहीं बदली गई। इस मामले में दो पुरुष नर्स और एक वार्ड ब्वाय को निलंबित कर दिया गया है। – डॉ. एसपी सिंह, प्राचार्य, मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज। 

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एसआरएन में मरीजों-तीमारदारों की अनदेखी आए दिन की बात
एसआरएन अस्पताल में तीमारदारों के बदसलूकी कोई नई बात नहीं है। पर्ची काउंटर, ओपीडी, ब्लड बैंक, दवा काउंटर से लेकर पैथोलॉजी तक एक ही जैसा हाल है। इस तरह की असुविधा को लेकर चिकित्सकों, कर्मियों और तीमारदारों के बीच अक्सर कहासुनी और मारपीट तक की घटनाएं होती रही हैं। हाल में ही महिला के आपरेशन को लेकर चिकित्सक से विवाद चर्चा में रहा है। इससे पहले एक जूनियर डॉक्टर के रिश्तेदार की खून जांच की रिपोर्ट लेने के मामले में लैब टेक्नीशियन से भी विवाद हो गया था। इस मामले में तोड़फोड़ करने के मामले में सौ प्रशिक्षु लैब टेक्नीशियन को निलंबित कर दिया गया था।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति के रिश्तेदार की गंदी बेड कवर बदलने के आग्रह को ठुकराना स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के तीन कर्मियों के लिए भारी पड़ गया। चिकित्सालय में कार्य में लापरवाही और शिथिलता बरतने पर रविवार को दो नर्स और एक वार्ड ब्वाय को निलंबित कर दिया गया है। इस तरह की घटना के लिए अस्पताल के अफसरों ने तीमारदारों के आगे खेद भी जताया है। 

हृदय रोग से पीड़ित एक न्यायमूर्ति के रिश्तेदार का एसआरएन में उपचार कराया जा रहा था। मरीज को  जिस वार्ड के बेड पर भर्ती कराया गया था, वहां तैनात नर्स और वार्ड ब्वाय के कार्य में शिथिलता पाई गई है। दरअसल उनकी बेड पर पानी गिर गया। इसके बाद तीमारदारों ने वार्ड में तैनात कर्मियों से बेड कवर बदलने का आग्रह किया।



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