हाईकोर्ट : नोएडा पर पचास हजार रुपये का हर्जाना लगाया, मनमानी कार्रवाई पर कोर्ट सख्त

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(सांकेतिक तस्वीर)

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– फोटो : सोशल मीडिया

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इलाहाबाद हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सीईओ एन्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी, गौतमबुद्धनगर ने अवैध तथा मनमानी वसूली नोटिस वापस लेते हुए कहा, याची पर कुछ भी बकाया नहीं है। नोएडा ने कारोबारी रवि कुमार बंसल के खिलाफ  बी.27ए सेक्टर 1 में आवंटित औद्योगिक शेड की बकाया किस्त के मद में 1 करोड़ 15लाख 32हजार 469 रुपये का वसूली नोटिस जारी किया गया था। 

हालांकि सिविल अदालत ने पहले ही आवंटन की पूरी राशि जमा करने तथा कुछ भी बकाया न होने का फैसला दिया हुआ है। इसकी अनदेखी की गई। याची ने 1996 से अब तक का लीज किराया जमा करने की इच्छा के साथ प्रत्यावेदन दिया, जिसे ट्विस्ट कर नोएडा ने बकाया किस्त की वसूली कार्रवाई शुरू कर दी ।

कोर्ट ने कहा, नोएडा की ओर से मनमानी अवैध वसूली के कारण याची को अनावश्यक अदालत आना पड़ा। इसके लिए कोर्ट ने नोएडा पर 50 हजार रुपये हर्जाने का आदेश दिया। कहा, इसका एक सप्ताह में याची को भुगतान किया जाय। यह आदेश न्यायमूर्ति एमके गुप्ता तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने रवि कुमार बंसल की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अभिषेक यादव तथा आरएन यादव ने बहस की।

इनका कहना था कि लीज किराया जमा करने के प्रत्यावेदन पर नोएडा ने किस्त बकाया बताते हुए वसूली नोटिस जारी किया है, जिसे याचिका में चुनौती दी गई। पूरी किस्त जमा कर चुका है। कोर्ट ने सीईओ नोएडा से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा तो बकाया किस्त  की वसूली को सही ठहराया। जब कोर्ट ने सिविल कोर्ट के फैसले की बाबत पूछा, जिसमें पूरी राशि जमा होने का फैसला दिया गया है तो गलती मानी। कहा, वह आदेश वापस लेकर नया आदेश देंगे। इसके बाद बताया, याची पर कुछ भी बकाया नहीं है। वसूली नोटिस वापस ले लिया गया है। अवैध कार्रवाई कर परेशान करने के लिए कोर्ट ने नोएडा पर 50 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सीईओ एन्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी, गौतमबुद्धनगर ने अवैध तथा मनमानी वसूली नोटिस वापस लेते हुए कहा, याची पर कुछ भी बकाया नहीं है। नोएडा ने कारोबारी रवि कुमार बंसल के खिलाफ  बी.27ए सेक्टर 1 में आवंटित औद्योगिक शेड की बकाया किस्त के मद में 1 करोड़ 15लाख 32हजार 469 रुपये का वसूली नोटिस जारी किया गया था। 

हालांकि सिविल अदालत ने पहले ही आवंटन की पूरी राशि जमा करने तथा कुछ भी बकाया न होने का फैसला दिया हुआ है। इसकी अनदेखी की गई। याची ने 1996 से अब तक का लीज किराया जमा करने की इच्छा के साथ प्रत्यावेदन दिया, जिसे ट्विस्ट कर नोएडा ने बकाया किस्त की वसूली कार्रवाई शुरू कर दी ।

कोर्ट ने कहा, नोएडा की ओर से मनमानी अवैध वसूली के कारण याची को अनावश्यक अदालत आना पड़ा। इसके लिए कोर्ट ने नोएडा पर 50 हजार रुपये हर्जाने का आदेश दिया। कहा, इसका एक सप्ताह में याची को भुगतान किया जाय। यह आदेश न्यायमूर्ति एमके गुप्ता तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने रवि कुमार बंसल की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अभिषेक यादव तथा आरएन यादव ने बहस की।

इनका कहना था कि लीज किराया जमा करने के प्रत्यावेदन पर नोएडा ने किस्त बकाया बताते हुए वसूली नोटिस जारी किया है, जिसे याचिका में चुनौती दी गई। पूरी किस्त जमा कर चुका है। कोर्ट ने सीईओ नोएडा से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा तो बकाया किस्त  की वसूली को सही ठहराया। जब कोर्ट ने सिविल कोर्ट के फैसले की बाबत पूछा, जिसमें पूरी राशि जमा होने का फैसला दिया गया है तो गलती मानी। कहा, वह आदेश वापस लेकर नया आदेश देंगे। इसके बाद बताया, याची पर कुछ भी बकाया नहीं है। वसूली नोटिस वापस ले लिया गया है। अवैध कार्रवाई कर परेशान करने के लिए कोर्ट ने नोएडा पर 50 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है।



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