मिलावटखोरी: 22 दुकानदारों पर 4.63 लाख का जुर्माना

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उन्नाव। जिले में खाद्य पदार्थों में मिलावट का बाजार गर्म है। इसका खुलासा खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा पूर्व में लिए गए सैंपलों की आई जांच रिपोर्ट में हुआ। मामला एडीएम कोर्ट पहुंचा। जहां सुनवाई के दौरान एडीएम (वित्त/राजस्व) ने 22 दुकानदारों पर 4.63 लाख का जुर्माना लगाया है।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने इसी साल की शुरुआत में विशेष चेकिंग अभियान चलाया था। इस दौरान सरसो तेल, मिश्रित दूध, किसमिस, बेसन, पनीर सहित अन्य खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया था। जांच के बाद प्रयोगशाला द्वारा जो रिपोर्ट भेजी गई उसमें अधिकांश नमूने विभाग की गाइडलाइन पर खरे नहीं उतरे। रिपोर्ट के आधार पर यह मामले एडीएम कोर्ट में दाखिल किए गए।
सुनवाई करते हुए एडीएम नरेंद्र सिंह ने 22 मामलों में लाखों का जुर्माना लगाया है। पुरवा के विजयभान पर अधोमानक सरसो का तेल बेचने पर 1.31 लाख रुपये, मिश्रित दूध में मिलावट पर विक्रेता अवधेश पर 50 हजार रुपये, खोया में मिलवाट की पुष्टि पर विक्रेता मुकेश कुमार पर 30 हजार रुपये, इसके अलावा किसमिस, सिंघाड़े का आटा, नमकीन, जीरा, बूंदी के लड्डू, पनीर, छेना आदि में मिलावट और मानक के अनुरूप न पाए जाने पर अर्थदंड लगाया गया है। एडीएम नरेंद्र सिंह ने बताया कि 30 दिन में यदि जुर्माना जमा नहीं हुआ तो भू राजस्व की तरह वसूली की जाएगी।
चेकिंग और जुर्माने की यह है प्रक्रिया
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग बाजार में बिकने वाली खानपान की वस्तुओं पर निगरानी रखता है। चेकिंग के दौरान जो सैंपल लिए जाते हैं उन्हें प्रयोगशाला भेजा जाता है। जांच रिपोर्ट आने पर यदि साधारण मिलावट (स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं) की पुष्टि होती है तो एडीएम कोर्ट में वाद दायर किया जाता है। एडीएम मामले की सुनवाई करते हैं और मिलावट की गंभीरता पर आर्थिक जुर्माना लगाते हैं। वहीं जिन मामलों में ऐसी मिलावट पाई जाती है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं तो उन मामलों को सिविल कोर्ट में दायर किया जाता है। इन मामलों में मिलावटकर्ता को सजा और जुर्माना दोनों सुनाया जाता है।

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उन्नाव। जिले में खाद्य पदार्थों में मिलावट का बाजार गर्म है। इसका खुलासा खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा पूर्व में लिए गए सैंपलों की आई जांच रिपोर्ट में हुआ। मामला एडीएम कोर्ट पहुंचा। जहां सुनवाई के दौरान एडीएम (वित्त/राजस्व) ने 22 दुकानदारों पर 4.63 लाख का जुर्माना लगाया है।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने इसी साल की शुरुआत में विशेष चेकिंग अभियान चलाया था। इस दौरान सरसो तेल, मिश्रित दूध, किसमिस, बेसन, पनीर सहित अन्य खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया था। जांच के बाद प्रयोगशाला द्वारा जो रिपोर्ट भेजी गई उसमें अधिकांश नमूने विभाग की गाइडलाइन पर खरे नहीं उतरे। रिपोर्ट के आधार पर यह मामले एडीएम कोर्ट में दाखिल किए गए।

सुनवाई करते हुए एडीएम नरेंद्र सिंह ने 22 मामलों में लाखों का जुर्माना लगाया है। पुरवा के विजयभान पर अधोमानक सरसो का तेल बेचने पर 1.31 लाख रुपये, मिश्रित दूध में मिलावट पर विक्रेता अवधेश पर 50 हजार रुपये, खोया में मिलवाट की पुष्टि पर विक्रेता मुकेश कुमार पर 30 हजार रुपये, इसके अलावा किसमिस, सिंघाड़े का आटा, नमकीन, जीरा, बूंदी के लड्डू, पनीर, छेना आदि में मिलावट और मानक के अनुरूप न पाए जाने पर अर्थदंड लगाया गया है। एडीएम नरेंद्र सिंह ने बताया कि 30 दिन में यदि जुर्माना जमा नहीं हुआ तो भू राजस्व की तरह वसूली की जाएगी।

चेकिंग और जुर्माने की यह है प्रक्रिया

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग बाजार में बिकने वाली खानपान की वस्तुओं पर निगरानी रखता है। चेकिंग के दौरान जो सैंपल लिए जाते हैं उन्हें प्रयोगशाला भेजा जाता है। जांच रिपोर्ट आने पर यदि साधारण मिलावट (स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं) की पुष्टि होती है तो एडीएम कोर्ट में वाद दायर किया जाता है। एडीएम मामले की सुनवाई करते हैं और मिलावट की गंभीरता पर आर्थिक जुर्माना लगाते हैं। वहीं जिन मामलों में ऐसी मिलावट पाई जाती है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं तो उन मामलों को सिविल कोर्ट में दायर किया जाता है। इन मामलों में मिलावटकर्ता को सजा और जुर्माना दोनों सुनाया जाता है।



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