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यूपी बोर्ड एग्जाम 2023
– फोटो : अमर उजाला
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शनिवार को इंटर रसायन विज्ञान एवं समाज शास्त्र के प्रश्नपत्र के साथ बोर्ड की परीक्षाएं समाप्त हो गईं। पूर्व के वर्षों में प्रश्नपत्रों के गलत खुलने की घटनाएं बहुत होती रही हैं लेकिन इस बार कहीं ऐसा नहीं हुआ। फर्जी तरीके से परीक्षा दे रहे 133 मुन्ना भाई को पकड़कर जेल भेजा गया। इंटर परीक्षा के अंतिम दिन तक 1 लाख 81 हजार 687 परीक्षार्थी गैरहाजिर रहे। अंतिम दिन 21 लाख 16 हजार 95 परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचना था।
8 हजार 656 सेंटरों पर परीक्षा हुई। इंटर की परीक्षाएं 14 एवं हाईस्कूल की परीक्षाएं 12 दिन चली। हाईस्कूल में 31 लाख 16 हजार 487 एवं इंटर में 27 लाख 69 हजार 258 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए। कुल 58 लाख 85 हजार 745 पंजीकृत हुए। नकल माफियाओं ने इस बार विभिन्न स्कूलों से काफी संख्या में फर्जी फार्म भरवाया था।
इन कालेजों को काली सूची में डालकर उनकी मान्यता वापस लेने की कार्रवाई प्रारंभ हो चुकी है। इस बार प्रश्नपत्रों को चार परत वाले मजबूत बंधन में रखा गया था। इसका परिणाम यह रहा कि कहीं से भी गलत प्रश्नपत्र का लिफाफा नहीं खुला। इसकी वजह से दोबारा परीक्षा कराने के झंझट से बोर्ड बचा और राजस्व का नुकसान नहीं हुआ। इस बार नकल पर भी लगाम रही। मात्र 81 नकलची ही पकड़े गए।
बोर्ड ने फार्म भरवाने में सावधानी बरती। गत वर्षों में अन्य प्रदेशों के लोग बड़ी संख्या में यहां से परीक्षा फार्म भरते थे। पश्चिम के कुछ जिलों के लिए यह व्यवसाय रहा है। बोर्ड ने इस पर भी सख्ती से रोक लगाई। नतीजा यह रहा है कि इस बार पांच हजार से परीक्षार्थी ही बाहरी प्रदेशों के रहे, जबकि गत वर्षों में इनकी संख्या 40 हजार के आसपास होती थी। – दिव्यकांत शुक्ला, सचिव उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद
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