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मस्जिद और मंदिर
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
इस बार हिंदू-मुस्लिम के त्योहारों में संयोग देखने को मिलेगा। दोनों धर्मों का त्योहार एक साथ है। एक तरफ नवरात्र में मंदिरों में आरती होगी तो दूसरी तरफ रमजान में मस्जिदों में कुरान की आयतें सुनाई जाएंगी। रमजान का चांद 22 या 23 मार्च को दिख सकता है। नवरात्र भी 22 मार्च से प्रारंभ हो रहा है। सबसे लंबा रोजा 14 घंटा 48 मिनट का होगा।
रमजान महीने में शिया समुदाय के हिसाब से सबसे लंबा रोजा 14 घंटा 48 मिनट का होगा। 29वां रोजा 14 घंटा 47 मिनट का होगा। इसी तरह सुन्नी समुदाय का सबसे लंबा 30 वां रोजा होगा, जो 14 घंटा 16 मिनट का होगा। 29वां रोजा 14 घंटा 15 मिनट का होगा। इफ्तार और सहरी को लेकर बाजार खाने-पीने चीजों से सज गया है।
विदेशी फलों से सजेगा दस्तरखान
रमजान महीना 22 मार्च से शुरू हो रहा है। विदेशी फलों से इफ्तार का दस्तखान सजेगा। पिछले साल के मुकाबले इस बार फलों की कीमतें ज्यादा हैं। तरावीह नमाज को लेकर मस्जिदों में साफ-सफाई शुरू हो गई है। केला नगर चौराहा स्थित फल की दुकान पर विदेशी फलों की रौनक है। फल विक्रेता शानू ने बताया कि पहले भी विदेशी फल आते थे, लेकिन इनकी खेप रमजान महीने में ज्यादा बढ़ जाती है। आस्ट्रेलिया के सेब, अंगूर, थाईलैंड के अमरूद, अफगानिस्तान का सरदा, ड्रैगन फल आने शुरू हो गए हैं।
फल 2023 2022
मालटा 160 145
सरदा 120 110
अमरूद 120 100
हरा सेब 350 300
बाबूगोशा 250 230
अंगूर आस्ट्रेलिया 400 350
ड्रैगन फ्रूट 120 100
कीवी 30 20
भारतीय फल सस्ते
इन दिनों भारतीय फल पिछले साल से सस्ते हैं। इनमें अंगूर, केला, संतरा की कीमत कम है। अंगूर 60 रुपये, संतरा 40 रुपये, केला 40-50 रुपये, अमरूद 40 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं। हालांकि, नवरात्र और रमजान में इन फलों की कीमतों में उछाल आ सकता है।
मस्जिदों में रंग-रोगन शुरू
रमजान का चांद दिखते ही मस्जिदों में तरावीह की नमाज शुरू हो जाएगी। ऊपरकोट स्थित जामा मस्जिद, सर सैयद नगर, भुजपुरा, जमालपुर, जयगंज, शाहजमाल सहित अन्य मोहल्लों की मस्जिदों में रंग-रोगन शुरू हो गई है।
रमजान का चांद 22 मार्च को दिख गया तो पहला रोजा 23 मार्च को होगा। वरना, अगले दिन पहला रोजा होगा। चांद दिखते ही जामा मस्जिद सहित बाकी मस्जिदों में तरावीह शुरू हो जाएगी। हर बालिग पर रोजा फर्ज है। रमजान में एक पुण्य के बदले 70 पुण्य मिलते हैं। रोजा केवल खाना का नहीं, बल्कि आंखों, नाक, हाथ-पैर और किसी को तकलीफ न देने का भी होता है। -मोहम्मद खालिद हमीद, शहर मुफ्ती अलीगढ़
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