[ad_1]
चंबल नदी के उफान से निचले इलाकों के बीहड़ से जुड़ने वाले रास्तों पर पानी भर गया है। बाढ़ का दंश झेल चुके नदी किनारे के ग्रामीण इससे परेशान हैं। एसडीएम ने बताया कि फिलहाल अभी बाढ़ का कोई खतरा नहीं है।
भिंड की सीमा पर मरम्मत के चलते उदी पुल बंद इन दिनों बंद है। कैंजरा का पांटून पुल भी बारिश में नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण हटा दिया गया है। इधर, सावन महीने में गंगाजल की कांवड़ लेकर हजारों कांवड़िया यहां से गुजरते हैं। सोमवार को कांवड़ियों की भीड़ चंबल पार करने के लिए पिनाहट-उसैथ घाट पर जमा थी। रात होने के कारण स्टीमर बंद कर दिया गया। इससे घाट पर करीब 2500 कांवडिए फंस गए थे।
कांवड़ियों ने रात में ही स्टीमर चलाकर चंबल पार कराने के लिए हंगामा शुरू कर दिया। इस पर एसडीएम बाह, सीओ पिनाहट के अलावा तहसीलदार सर्वेश कुमार सिंह, नायब तहसीलदार गौरव अग्रवाल आदि पहुंचे। अफसरों ने सुबह स्टीमर से नदी पार कराने का आश्वासन देकर उन्हें शांत कराया। इसके बाद कांवड़ियों के भोजन आदि का भी प्रबंध कराया गया।
चंबल नदी के तेज बहाव से जूझ रहे घड़ियालों के शिशु जिंदगी के लिए झटपटा रहे हैं। जिंदगी की जद्दोजहद से जूझ रहे नदी के बीच में फंसे घड़ियालों के शिशुओं के बहने का खतरा पैदा हो गया है। खादरों में आने वाले घड़ियाल शिशुओं को नदी के किनारे तक पहुंचाने के लिए वन विभाग कॉम्बिंग कर रहा है।
[ad_2]
Source link