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फतेहाबाद मार्ग स्थित जेपी होटल में ढोल-नगाड़ों की धुन पर जब बरातियों ने थिरकना शुरू किया, तो दरवाजे पर घरातियों ने भी डांस कर खुशी मनाईं। शाम 7:45 बजे घोड़ी पर जैसे ही दीपक चाहर बैठे, तो बांकेबिहारी लाल के जयकारे से होटल परिसर गुंजायमान हो उठा।
दीपक के पिता लोकेंद्र सिंह चाहर, चाचा देशराज चाहर, टीम इंडिया के सदस्य और दीपक के भाई राहुल चाहर, बहन मालती के साथ खास मेहमानों ने जमकर डांस किया। स्टेज पर लगभग डेढ़ घंटे तक दीपक और जया ने मेहमानों और रिश्तेदारों का आशीर्वाद लिया।
दीपक चाहर ने मंत्रोच्चारण के बीच जया भारद्वाज की मांग में सिंदूर भरा। मंगलसूत्र पहनाया। इसके बाद दोनों मंच पर आ गए, जहां वीआईपी मेहमानों ने नवयुगल को आशीर्वाद दिया। दीपक-जया की शादी में कई राजनेता और अफसर भी शामिल हुए।
श्री बांकेबिहारी महाराज का स्वरूप बरात में मेहमानों के आकर्षण का केंद्र रहा। बरात में दूल्हे दीपक के पीछे बिहारी जी उन्हें आशीर्वाद देते हुए विराजमान थे। दीपक के पिता लोकेंद्र सिंह चाहर ने बताया कि परिवार में सभी लोग बिहारी जी के भक्त हैं। खासतौर से दीपक की काफी आस्था है।
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