उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में अचानक धरती कांप उठी, वहीं दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए जिससे अफरातफरी मच गई। नेपाल के पास भूकंप का केंद्र बताया जा रहा है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई। नेशनल सेंटर फोर सिस्मोलॉजी के अनुसार इस तेज तीव्रता के भूकंप का केंद्र धरती के 5 किमी अन्दर है।
नेपाल में आए इस भूकंप के झटके दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा पंजाब और राजस्थान में भी महसूस किए गए हैं। बता दें कि अगर रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.4 से अधिक रहती है तो इस घातक स्तर का भूकंप मना जाता है। अब तक इस भूकंप से जान-माल की बडी क्षति की सूचना नहीं मिली है। हालांकि, नेपाल में कुछ घरों के ढहने की खबर है। अधिक जानकारी की अब भी प्रतीक्षा है।
#WATCH | Few buildings in Bajhang district suffer damage after 6.2 magnitude earthquake strikes Nepal
(Source: API-Nepal) pic.twitter.com/t7Bn90MNEe
— ANI (@ANI) October 3, 2023
भूकंप का खौफ इतना था कि विभिन्न इलाकों में लोग बड़ी संख्या में अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। देश के विभिन्न इलाकों से लोगों के घबरा कर घर से बाहर भागने के वीडियो निकल कर सामने आ रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी भूकंप के झटकों के कारण निर्माण भवन से अन्य लोगों के साथ बाहर निकल आए।
#WATCH | Delhi | Union Health Minister Mansukh Mandaviya stepped out of Nirman Bhawan, along with others, as strong tremors hit different parts of north India. pic.twitter.com/8EbNFX4b46
— ANI (@ANI) October 3, 2023
देश की राजधानी दिल्ली को भूकंप के मद्देनजर संवेदनशील माना जाता है। वैज्ञानिकों ने भारत में भूकंप क्षेत्र को जोन-2, जोन-3, जोन-4 व जोन-5 में बांटा हुआ है। जोन-5 के इलाकों को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता है, जबकि जोन-2 कम संवेदनशील माना जाता है। देश की राजधानी दिल्ली जोन-4 में आती है। यहां 7 से अधिक तीव्रता के भी भूकंप आ सकते हैं जिससे बड़ी तबाही हो सकती है।
Two earthquakes hit Nepal, tremors felt in Delhi-NCR
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— ANI Digital (@ani_digital) October 3, 2023
हाल के दिनों में देश-दुनिया के कई इलाकों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इसी कारण धरती के विभिन्न इलाकों में लगातार भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती रहती हैं।