Gyanvapi Case: वाराणसी की तीन अदालतों में आज ज्ञानवापी से जुड़े 8 मामलों की सुनवाई, सबकी नजर इस केस पर

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ज्ञानवापी

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– फोटो : अमर उजाला

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ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े आठ मामलों की सुनवाई सोमवार को तीन अदालतों में होगी। जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में श्रृंगार गौरी मामले की सुनवाई होनी है। इसमें सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत की ओर से दिए गए सर्वे आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की तरफ से दाखिल रिविजन याचिका सुनी जाएगी।

अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम/एमपी एमएलए कोर्ट में सपा के राष्ट्रीय अखिलेश यादव, एआईएमआईएम प्रमुख सांसद असदुद्दीन ओवैसी,  शहर काजी और मौलवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने संबंधी वाद पर सुनवाई होगी। यह वाद वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय की तरफ से दाखिल किया गया है।

आरोप है कि सभी ने आपत्तिजनक बयान देकर धार्मिक भावनाएं आहत की हैं। बीते दिनों कोर्ट ने इस वाद को सुनवाई योग्य माना था फिर, चौक थाने से रिपोर्ट तलब किया था। थानाध्यक्ष से पूछा था कि मामले में कोई मुकदमा दर्ज है या नहीं। अब थाने से कोई मुकदमा न दर्ज किए जाने की रिपोर्ट भेज दी गई है।

इसी तरह सिविल जज सीनियर डिविजन अश्वनी कुमार की अदालत में  ज्ञानवापी से जुड़े छह मामलों की सुनवाई होगी। इनमें पहला वाद लार्ड श्री आदि विशेश्वर शीतला मंदिर महंत शिवप्रसाद पांडेय आदि का है। दूसरा वाद श्री नंदी जी महाराज व सितेंद चौधरी, तीसरा वाद मां श्रृंगार गौरी व रंजना अग्निहोत्री आदि, चौथा वाद सत्यम त्रिपाठी आदि, पांचवां वाद मां गंगा व सुरेश और छठवां वाद अभिषेक शर्मा की तरफ से दाखिल किया है। 

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ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े आठ मामलों की सुनवाई सोमवार को तीन अदालतों में होगी। जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में श्रृंगार गौरी मामले की सुनवाई होनी है। इसमें सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत की ओर से दिए गए सर्वे आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की तरफ से दाखिल रिविजन याचिका सुनी जाएगी।

अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम/एमपी एमएलए कोर्ट में सपा के राष्ट्रीय अखिलेश यादव, एआईएमआईएम प्रमुख सांसद असदुद्दीन ओवैसी,  शहर काजी और मौलवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने संबंधी वाद पर सुनवाई होगी। यह वाद वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय की तरफ से दाखिल किया गया है।

आरोप है कि सभी ने आपत्तिजनक बयान देकर धार्मिक भावनाएं आहत की हैं। बीते दिनों कोर्ट ने इस वाद को सुनवाई योग्य माना था फिर, चौक थाने से रिपोर्ट तलब किया था। थानाध्यक्ष से पूछा था कि मामले में कोई मुकदमा दर्ज है या नहीं। अब थाने से कोई मुकदमा न दर्ज किए जाने की रिपोर्ट भेज दी गई है।



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