अयोध्या में श्रीराम मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी, 2024 को किया जाएगा। श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा पर पूरी दुनिया की नजर है। अयोध्या में बनने वाले श्रीराम मंदिर के नाम पर साइबर अपराधी लोगों को ठग भी रहे हैं। फर्जी वेबसाइट्स का लिंक भेजकर लोगों का बैंक अकाउंट खाली किया जा रहा है। पिछले दिनों ही ऐसा ही एक मामला सामने आया है। अगर, आप भी श्रीराम मंदिर के लिए दान करना चाहते हैं, तो आपको भी साइबर अपराधियों और फर्जी लिंक से बचना होगा। कई मामलों में साइबर अपराधी यूजर्स को फर्जी वेबसाइट का लिंक ई-मेल या मैसेज के जरिए भेज रहे हैं। आस्था के नाम पर दान करने वाले लोग अनजाने में साइबर अपराधियों के अकाउंट में पैसे भेज देते हैं। आइए, जानते हैं फर्जी लिंक और वेबसाइट से कैसे बचना चाहिए ?
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने भी श्रीराम के नाम पर हो रही ठगी के बारे में बताया है। विनोद बंसल ने X पर पोस्ट शेयर करके बताया है, ‘कभी VIP दर्शन तो कभी घर बैठे प्रसाद के नाम अनेकों विज्ञापन राम भक्तों को दिगभ्रमित कर, छल कपट का प्रयास कर रहे हैं। Amazon जैसी वेबसाइट पर भी इस तरह के अनेक विज्ञापन देखे जा रहे हैं! समाज को इनसे सावधान रहना होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने किसी को भी इन कामों के लिए अधिकृत नहीं किया है। किसी के झांसे में ना आऐं। इन वेबसाइट्स को भी ऐसे झूठे विज्ञापनों को अविलंब हटाना चाहिए अन्यथा, हम कानूनी कार्यवाही के लिए विवश होंगे।’
आपको बता दें कि अयोध्या श्रीराम मंदिर का निर्माण श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा किया जा रहा है। ऐसे में अगर आप भी दान करना चाहते हैं, तो श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र की आधिकारिक वेबसाइट (https://srjbtkshetra.org/) पर ही जाकर करें। इस ट्रस्ट को भारत सरकार ने बनाया है और यहां मिलने वाले दान से ही श्रीराम जन्मभूमि के निर्माण से लेकर देख-रेख आदि की जाएगी।
कैसे करें दान ?
सबसे पहले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
वहां डोनेशन सेक्शन में जाएं और डोनेट/डोनेट रिसिप्ट (डायरेक्ट डिपोजिट)/डोनेशन रिसिप्ट करेक्शन में से डोनेट वाला विकल्प चुनें।
इसके बाद अपने मोबाइल नंबर के जरिए लॉग-इन करें।
लॉग-इन करने के बाद आपको डोनेशन के कई ऑप्शन दिखाई देंगे, जिनमें चेक, फंड ट्रांसफर और UPI शामिल है।
दिए गए अकाउंट डिटेल पर आप फंड ट्रांसफर और नाम पर चेक भेज सकते हैं।
UPI पेमेंट करने के लिए आपको स्कैनर मिलेगा, जिसे आप किसी भी पेमेंट ऐप से स्कैन करके दान कर सकते हैं।
फर्जी लिंक से कैसे बचें?
आपको SMS, वाट्सऐप, ई-मेल आदि के जरिए अगर कोई लिंक मिला है, तो उसे ओपन न करें।
गूगल सर्च करने पर आप आधिकारिक वेबसाइट (https://srjbtkshetra.org/) पर ही जाएं।
फर्जी लिंक या वेबसाइट https से शुरू नहीं होगा, जो दर्शाता है कि यह सिक्योर नहीं है।
अगर, आपको भी कोई SMS, वाट्सऐप मैसेज, ई-मेल के जरिए फर्जी लिंक भेजता है, तो इसे तुरंत रिपोर्ट करें।
साथ ही, अपने दोस्तों, परिवार के लोगों को भी ऐसे फर्जी लिंक से बचने के लिए कहें।
बिल्कुल, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप जब भी दान करने का निर्णय लेते हैं, तो आप सावधानी बरतें और आपका दान सुरक्षित रहे। यहां कुछ सुरक्षित तरीके हैं जो आपको याद रखना चाहिए:
- आधिकारिक वेबसाइटों पर दान करें: आप श्रीराम मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट या विश्व हिन्दू परिषद की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से दान कर सकते हैं। ये स्थानीय और विश्वसनीय विकास कार्यों के लिए धन जुटाने का एक सुरक्षित तरीका हो सकता है।
- धर्मिक संगठनों के माध्यम से दान करें: आप किसी भी स्थानीय या विशेष धार्मिक संगठन के माध्यम से भी दान कर सकते हैं, जो मंदिर निर्माण या धार्मिक कार्यों के लिए समर्थन प्रदान करते हैं।
- ऑनलाइन पेमेंट के लिए सुरक्षित तरीके: जब भी आप ऑनलाइन दान करते हैं, सुनिश्चित करें कि आप किसी सुरक्षित और प्रमुख पेमेंट गेटवे का उपयोग कर रहे हैं। अपना व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी कभी भी साझा न करें।
- सावधानी बरतें: आपको किसी भी तरह की संदिग्ध ईमेल, सोशल मीडिया मैसेज, या फर्जी वेबसाइट से बचना चाहिए। आपके दान का एकमात्र स्रोत आपका भरोसेमंद धर्मिक संगठन होना चाहिए।
यदि आप संदिग्धता महसूस करते हैं या किसी भी प्रकार की शंका हो, तो सीधे उन संगठनों से संपर्क करें जिन्हें आप समर्थन देने का निर्णय लेते हैं। धर्मिक या सामाजिक कार्यों के लिए दान करना एक अच्छा कार्य है, लेकिन सुरक्षित रहना भी बहुत महत्वपूर्ण है।