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Prayagraj News : गुलाम हसन, शूटर। फाइल फोटो।
– फोटो : अमर उजाला।
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शूटर गुलाम हसन 2013 में सिविल लाइंस में ठेकेदार चंदन सिंह की हत्या में नामजद हुआ था। उसे जेल भी हुई थी। इसके दस साल बाद 24 फरवरी को उसने और उसके साथियों ने उमेश पाल की हत्या कर प्रदेश को दहला दिया। गुलाम सिर्फ इन्हीं दोनों हत्याओं में नामजद नहीं था, उसके खिलाफ कुल आठ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
मेंहदौरी के गुलाम और सदाकत ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से साथ में एलएलबी की पढ़ाई की थी। दोनों के बीच काफी पुरानी दोस्ती थी। दोनों साथ में ही अतीक गिरोह में शामिल हुए। गुलाम ने अपराध की दुनिया में 2013 में कदम रखा। उसने नगर निगम में ठेकेदारी शुरू की। ठेकेदारी में उस समय अतीक का वर्चस्व चलता था। ठेकेदारी के कारण गुलाम और सदाकत ने अतीक गिरोह से संपर्क किया। दोनों अतीक के नजदीकी लोगों में पैठ बनाने लगे।
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