लखनऊ। लखनऊ कमिश्नेरट पुलिस और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने सर्विलांस की मदद से शाइन सिटी घोटाले में फरार चल रहे पचास हजार के इनामी प्रोजेक्ट मैनेजर (ब्रोकर) ज्ञान प्रकाश उपाध्याय को गिरफ्तार किया है। सोमवार को डीसीपी उत्तरी अभिजीत.आर.शंकर ने मामले का पर्दाफाश कर जालसाज ज्ञान प्रकाश को जेल भेज दिया है।
गौरतलब है कि मूलरूप से अयोध्या जनपद के सथरी, रानीबाजार निवासी प्रोजेक्ट मैनेजर ज्ञानप्रकाश उपाध्याय पहचान छिपाकर अलीगंज के सेक्टर-ई में किराए के मकान में निवास कर रहा था। उसके खिलाफ कुल 19 अपराधिक मामले दर्ज हैं। गोमतीनगर पुलिस ने पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। जांच में सामने आया कि प्रोजेक्ट मैनेजर ज्ञानप्रकाश उपाध्याय निवेशकों को अपने जाल में फंसाने के लिए शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड की लुभावनी योजनाओं का झांसा देकर उनसे धोखाधड़ी करता था।
स्क्रीम के तहत प्रोजेक्ट मैनेजर ने कम दर में सस्ती जमीन दिलवाने, सोना दिलवाने, रुपया दिलवाने समेत तमाम योजनाओं का सहारा लेकर निवेशकों की गाढ़ी कमाई कंपनी में निवेश करा दी। निवेशकों को अपने जाल में फंसाने के लिए वह लग्जरी गाड़ी से चलता था, उसकी शानो-शौकत को देख निवेशक आसानी से जालसाज के बहकावे में फंस जाते थे। वहीं, कंपनी का घोटाला सामने आने पर निवेशकों ने प्रोजेक्ट मैनेजर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह अलग-अलग जनपदों में जाकर किराए के मकान में रहने लगा था, जिससे वो पकड़ा न जाए।
डीसीपी उत्तरी अभिजीत आर शंकर ने बताया कि शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के लखनऊ के अलावा वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर, आगरा जैसे प्रमुख जनपदों में कार्यालय खुले थे। कंपनी का सीएमडी राशिद नसीम एजेंट की मदद से निवेशकों का पैसा कंपनी में लगवाता था। सीएमडी राशिद नसीम ने भाई आसिफ नसीम के साथ मिलकर निवेशकों को ठगने के लिए कंपनी बनाई थी।
कंपनी मालिकान निवेशकों का तकरीबन दो करोड़ रुपया लेकर फरार हो गए। प्रदेश में शाइन सिटी कंपनी के मालिकान, एजेंट, मैनेजरों के खिलाफ लगभग 550 मुकदमें दर्ज है। इनमें आसिफ नसीम समेत 62 से भी ज्यादा एजेंटों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। वहीं, ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) फरार सीएमडी राशिद नसीम को गिरफ्तार कर भारत लाने का प्रयास कर रहा है। सीएमडी राशिद नसीम पर भी पांच लाख रुपये का इनाम घोषित है।