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आरओबी के स्लैब ज्वाइंट में दरार की जांच के लिए टीम गठित
हर दो-तीन माह में हो रही दरार की वजह जांचेंगे एनएचएआई के अधिकारी
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक टीम के साथ करेंगे जांच
संवाद न्यूज एजेंसी
उन्नाव। कानपुर लखनऊ हाइवे पर उन्नाव बाईपास की रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) की स्लैब ज्वाइंट में आई दरार की मरम्मत से पहले जांच के लिए टीम गठित की गई है। हर दो-तीन महीने के अंतराल में स्लैब में हो रही दरार के कारणों की पड़ताल के लिए एनएचएआई के अधिकारी जांचेंगे। परियोजना निदेशक मंगलवार को आरओबी का निरीक्षण कर सकते हैं।
उन्नाव बाईपास पर कानपुर लखनऊ हाइवे पर आरओबी बना हुआ है। इधर, आरओबी के स्लैब में दरार आने की खबर 19 मई को अमर उजाला ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी। वैसे आरओबी के स्लैब में दरार नई बात नहीं है। दो से तीन माह में स्लैब दरक रही है। इस पर एनएचएआई द्वारा हर बार स्लैब की मरम्मत करा दी जाती है। इस बार फिर स्लैब में आई दरार की मरम्मत से पहले एनएचएआई के अफसरों ने विस्तृत जांच के लिए टीम गठित कर दी है। प्राधिकरण के परियोजना निदेशक सौरभ चौरसिया ने बताया कि आरओबी में अक्सर दरार पड़ जाती है। उन्हें जानकारी हुई है। मरम्मत हो कराई जाएगी लेकिन उसके पहले कारणों की पड़ताल भी की जाएगी। इसके लिए टीम गठित की गई है। मंगलवार को वह स्वयं टीम के साथ पहुंचकर स्थलीय निरीक्षण करेंगे। बताया कि रविवार रात लखनऊ जा रहे एनएचएआई के दो सदस्यों से फौरी तौर पर स्लैब की जांच कराई थी। टीम में शामिल डिप्टी मैनेजर श्रीराम कुशवाहा, हाइवे इंजीनियर कार्तिक श्रीवास्तव व टीम लीडर शैलेंद्र ने आरओबी में पडऩे वाली दरार के कारणों को बारीकी से जांचा। रात होने के कारण विस्तृत जांच नहीं हो सकी है। अब तक की रिपोर्ट में दरार पडऩे का मुख्य कारण कंक्रीट डालने के तुरंत बाद यातायात चालू कर देना पाया गया है। इस बार कंक्रीट बिछाने के दौरान कुछ समय तक के लिए आरओबी को बंद किया जाएगा। वाहनों के आवागमन के लिए रूट डायवर्ट किया जा सकता है।
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