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करौंदी गांव में बुलडोजर के सामने खड़े किसान। संवाद
– फोटो : UNNAO
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अचलगंज। कानपुर-एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहीत की गई भूमि का मुआवजा कम मिलने की बात कहते हुए किसानों ने करौंदी के पास शुरू हुआ कार्य रुकवा दिया। सूचना पर पहुंची नायब तहसीलदार ने किसानों को समझाने का प्रयास किया पर नहीं माने। दोपहर बाद एसडीएम सदर पहुंचीं और पुलिस से किसानों को हटवाकर काम शुरू कराया।
सिकंदरपुर कर्ण ब्लाक के करौंदी गांव से कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे निकल रहा है। सोमवार सुबह निर्माण शुरू कराने के लिए कार्यदायी एजेंसी के कर्मी बुलडोजर और मशीनों को लेकर पहुंचे। इसकी जानकारी होने पर करौंदी के काफी संख्या में किसान मौके पर पहुंच गए। किसानों ने एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहीत की गई भूमि का कम मुआवजा मिलने की बात कहकर काम रुकवा दिया।
किसान बुलडोजर के सामने बैठकर हंगामा करने लगे। किसानों का कहना था कि अभिलेखों में करौंदी ग्रामसभा की जमीन का रेट मात्र तीन लाख रुपये प्रति बीघा निर्धारित है। जिसके आधार पर उन लोगों को मात्र बारह लाख रुपये का मुआवजा दिया जा रहा है। जबकि यहां की वास्तविक कीमत चालीस से पचास लाख रुपये प्रति बीघा है। यह भी बताया कि बगल के गांव के किसानों को चालीस से पचास लाख दिया जा रहा है।
काम बंद होने की सूचना पर नायब तहसीलदार मंजुला मिश्रा लेखपाल कृष्ण गोपाल शुक्ल व थानाध्यक्ष हीरा सिंह के साथ मौके पर पहुंची। नायब तहसीलदार नेे किसानों से सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा। उनका कहना था कि आप लोग काम होने दें। न्यायालय जो दर निर्धारित करेगा वह मुआवजा दिया जाएगा।
किसानों ने कहा कि न्यायालय के निर्णय आने के बाद ही काम चालू होगा। तब तक कोई हस्ताक्षर नहीं करेंगे। दोपहर बाद एसडीएम सदर नुपूर गोयल मौके पर पहुंच गईं। उन्होंने पुलिस से सख्ती कराकर किसानों को वहां से हटवाकर काम शुरू करा दिया। इससे किसानों में आक्रोश दिखा। किसानों ने आरोप लगाया कि एसडीएम ने पुलिस की मदद से जबरदस्ती काम चालू कराया।
किसान बोले, राजस्व परिषद में दायर है वाद
किसान बृजेश दीक्षित, गंगा सागर, राम बिहारी, बेनीमाधव, मदारु, नन्हकू, लाल मोहम्मद, लालता प्रसाद, ठाकुर प्रसाद, नन्हे लाल, राजबहादुर, रामगोपाल व रामेश्वर आदि ने बताया कि रेट ठीक करने के लिए राजस्व परिषद में वाद दायर किया है। अभी करौंदी गांव की जमीन की न तो रजिस्ट्री की गई है और न ही कब्जा दिया गया है। कहा कि अधिकारी बिना कोई निर्णय हुए अचानक खड़ी फसल बर्बाद नहीं कर सकते।
करौंदी गांव में मौके पर पहुंचकर जानकारी लेती एसडीएम सदर नुपूर गोयल। संवाद– फोटो : UNNAO
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