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उन्नाव। ग्राम पंचायतों में नियुक्त किए गए पंचायत सहायकों (अकाउंटेंट कम डाटा एंट्री आपरेटर) में 64 ने त्यागपत्र दे दिया है। इससे पंचायतीराज विभाग की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इससे मिनी सचिवालयों में ताला लटकने लगा है और ग्रामीणों को सेवाओं के लिए ब्लॉक और जिला मुख्यालय की दौड़ लगानी पड़ रही है।
ग्रामीणों को उनके गांव में ही सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के उद्देश्य से हर ग्राम पंचायत में मिनी सचिवालय (पंचायत भवन) का निर्माण कराया गया है। जनपद में कुल 1040 ग्राम पंचायतें हैं। पंचायत भवनों की साज सज्जा और कंप्यूटर उपकरण, फर्नीचर आदि की व्यवस्था कराकर उसमें एक पंचायत सहायक की तैनाती भी की थी।
पिछले साल प्रधान सीट के आरक्षण के आधार पर सहायकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। आवेदन के बाद चयन हुआ था। सहायकों को अनुबंध पत्र जारी करने के बाद उन्हें काम शुरू करने के आदेश दिए गए थे। हालांकि इनमें से 64 पंचायत सहायक ऐसे रहे जिन्होंने काम करने से इन्कार करते हुए त्यागपत्र दे दिया है।
ग्रामीणों को पेंशन, आवास, शुद्ध पेयजल आदि शिकायतों या आवेदनों के लिए ब्लाक की दौड़ न लगानी पड़े इसके लिए जिले की सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय खोले गए हैं। हर सचिवालय में इंटरनेट की सुविधा दी गई है। फर्नीचर के साथ जरूरी उपकरणों की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा अब तो पंचायत भवनों से ही गांव के सारे भुगतान करने के आदेश भी जारी किए गए हैं। बैंक संबंधी कार्यों के लिए बैंक सखी की तैनाती भी की गई है लेकिन पंचायत सहायकों के न होने से ग्रामीणों के काम नहीं हो पा रहे हैं।
कुल 1040 ग्राम पंचायतों में से 64 में सहायकों के पद रिक्त चल रहे हैं। इन रिक्त पंचायतों में सहायक की भर्ती के लिए शासन से अनुमति लेकर नए सिरे से प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जब तक नई तैनाती नहीं हो जाएगी , वहां सचिव को व्यवस्थाएं संभालने के लिए निर्देशित किया जाएगा। डॉ. निरीश कुमार साहू, डीपीआरओ।
उन्नाव। ग्राम पंचायतों में नियुक्त किए गए पंचायत सहायकों (अकाउंटेंट कम डाटा एंट्री आपरेटर) में 64 ने त्यागपत्र दे दिया है। इससे पंचायतीराज विभाग की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इससे मिनी सचिवालयों में ताला लटकने लगा है और ग्रामीणों को सेवाओं के लिए ब्लॉक और जिला मुख्यालय की दौड़ लगानी पड़ रही है।
ग्रामीणों को उनके गांव में ही सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के उद्देश्य से हर ग्राम पंचायत में मिनी सचिवालय (पंचायत भवन) का निर्माण कराया गया है। जनपद में कुल 1040 ग्राम पंचायतें हैं। पंचायत भवनों की साज सज्जा और कंप्यूटर उपकरण, फर्नीचर आदि की व्यवस्था कराकर उसमें एक पंचायत सहायक की तैनाती भी की थी।
पिछले साल प्रधान सीट के आरक्षण के आधार पर सहायकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। आवेदन के बाद चयन हुआ था। सहायकों को अनुबंध पत्र जारी करने के बाद उन्हें काम शुरू करने के आदेश दिए गए थे। हालांकि इनमें से 64 पंचायत सहायक ऐसे रहे जिन्होंने काम करने से इन्कार करते हुए त्यागपत्र दे दिया है।
ग्रामीणों को पेंशन, आवास, शुद्ध पेयजल आदि शिकायतों या आवेदनों के लिए ब्लाक की दौड़ न लगानी पड़े इसके लिए जिले की सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय खोले गए हैं। हर सचिवालय में इंटरनेट की सुविधा दी गई है। फर्नीचर के साथ जरूरी उपकरणों की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा अब तो पंचायत भवनों से ही गांव के सारे भुगतान करने के आदेश भी जारी किए गए हैं। बैंक संबंधी कार्यों के लिए बैंक सखी की तैनाती भी की गई है लेकिन पंचायत सहायकों के न होने से ग्रामीणों के काम नहीं हो पा रहे हैं।
कुल 1040 ग्राम पंचायतों में से 64 में सहायकों के पद रिक्त चल रहे हैं। इन रिक्त पंचायतों में सहायक की भर्ती के लिए शासन से अनुमति लेकर नए सिरे से प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जब तक नई तैनाती नहीं हो जाएगी , वहां सचिव को व्यवस्थाएं संभालने के लिए निर्देशित किया जाएगा। डॉ. निरीश कुमार साहू, डीपीआरओ।
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