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सोनिक। गंगा एक्सप्रेसवे के दायरे में आ रहे हरे पेड़ों के काटने की अनुमति किसानों को घर बैठे मिलेगी। पेड़ काटने की अनुमति वन विभाग देगा। जबकि खर्च का वहन यूपीडा देगी। किसानों को पेड़ काटकर लकड़ी ले जाने की सुविधा मिलेगी।
गंगा एक्सप्रेसवे की कार्यदायी संस्था यूपीडा और राजस्व विभाग ने संयुक्त रूप से सर्वे किया। इस सर्वे में एक्सप्रेसवे के दायरे में आ रहे हरे पेड़ों का चिह्नांकन किया गया। पता चला कि 1750 हरे पेड़ उन किसानों के खेतों में खड़े हैं, जिनका बैनामा यूपीडा ने एक्सप्रेसवे के लिए कराया है। इसके बाद यूपीडा ने किसानों को पेड़ काटने की अनुमति दिलाने की कवायद शुरू की।
वन विभाग को पेड़ों की सूची किसानों के नाम और पते सहित तैयार कराकर अनुमति के लिए भेजी थी। यूपीडा ने सूची के साथ पत्र भी भेजा। इसमें वन विभाग ने इन पेड़ों के काटने की अनुमति किसानों को देने की बात कही। इसके एवज में आने वाले खर्च को विभाग वहन करेगा।
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, एक पेड़ काटने में 1100 रुपये का खर्च आता है। यूपीडा ने पैसा वन विभाग के पास जमा कर दिया है। अब वन विभाग के कर्मचारी सूची के अनुसार किसानों के पास जाकर आधारकार्ड और फोटो लेकर आवेदन के लिए फार्म भरा रहे हैं। जल्द ही किसानों को पेड़ काटने की अनुमति घर बैठे भेज दी जाएगी।
लेखपाल शिवप्रकाश जायसवाल ने बताया कि एक्सप्रेसवे की रजिस्ट्री के समय किसी भी किसान को पेड़ का मुआवजा नहीं दिया गया था। अब सर्वे के अनुसार वन विभाग को लिस्ट भेजी गई है। एसडीओ वन एसके वर्मा ने बताया कि जो भी अनुमति के लिए आवेदन आए हैं। उनकी जांच कराई जा रही है। अनुमति के बाद किसान पेड़ कटाकर उसकी लकड़ी ले जा सकेंगे।
रेंजवार पेड़ों की कुल संख्या
उन्नाव रेंज – 310 पेड़
पुरवा – 571
बीघापुर – 47
बांगरमऊ – 173
हसनगंज – 644
नवाबगंज – 5
सोनिक। गंगा एक्सप्रेसवे के दायरे में आ रहे हरे पेड़ों के काटने की अनुमति किसानों को घर बैठे मिलेगी। पेड़ काटने की अनुमति वन विभाग देगा। जबकि खर्च का वहन यूपीडा देगी। किसानों को पेड़ काटकर लकड़ी ले जाने की सुविधा मिलेगी।
गंगा एक्सप्रेसवे की कार्यदायी संस्था यूपीडा और राजस्व विभाग ने संयुक्त रूप से सर्वे किया। इस सर्वे में एक्सप्रेसवे के दायरे में आ रहे हरे पेड़ों का चिह्नांकन किया गया। पता चला कि 1750 हरे पेड़ उन किसानों के खेतों में खड़े हैं, जिनका बैनामा यूपीडा ने एक्सप्रेसवे के लिए कराया है। इसके बाद यूपीडा ने किसानों को पेड़ काटने की अनुमति दिलाने की कवायद शुरू की।
वन विभाग को पेड़ों की सूची किसानों के नाम और पते सहित तैयार कराकर अनुमति के लिए भेजी थी। यूपीडा ने सूची के साथ पत्र भी भेजा। इसमें वन विभाग ने इन पेड़ों के काटने की अनुमति किसानों को देने की बात कही। इसके एवज में आने वाले खर्च को विभाग वहन करेगा।
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, एक पेड़ काटने में 1100 रुपये का खर्च आता है। यूपीडा ने पैसा वन विभाग के पास जमा कर दिया है। अब वन विभाग के कर्मचारी सूची के अनुसार किसानों के पास जाकर आधारकार्ड और फोटो लेकर आवेदन के लिए फार्म भरा रहे हैं। जल्द ही किसानों को पेड़ काटने की अनुमति घर बैठे भेज दी जाएगी।
लेखपाल शिवप्रकाश जायसवाल ने बताया कि एक्सप्रेसवे की रजिस्ट्री के समय किसी भी किसान को पेड़ का मुआवजा नहीं दिया गया था। अब सर्वे के अनुसार वन विभाग को लिस्ट भेजी गई है। एसडीओ वन एसके वर्मा ने बताया कि जो भी अनुमति के लिए आवेदन आए हैं। उनकी जांच कराई जा रही है। अनुमति के बाद किसान पेड़ कटाकर उसकी लकड़ी ले जा सकेंगे।
रेंजवार पेड़ों की कुल संख्या
उन्नाव रेंज – 310 पेड़
पुरवा – 571
बीघापुर – 47
बांगरमऊ – 173
हसनगंज – 644
नवाबगंज – 5
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