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जिला अस्पताल की पौथालॉजी के बाहर लिए लगी मरीजों की भीड़। संवाद
– फोटो : UNNAO
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उन्नाव। कोरोना संक्रमण फिर फैलने की आशंका पर जिला अस्पताल में छह से बंद पड़ी ट्रूनेट जांच फिर से 26 दिसंबर से शुरू कराने का फैसला लिया गया है। हालांकि जिला अस्पताल में अभी न तो सामाजिक दूरी और न ही मास्क का प्रयोग हो रहा है।
कोरोना की पहली लहर आने के बाद जिला अस्पताल में जांच के लिए ट्रूनेट मशीन लगाई गई थी। बुखार पीड़ित संदिग्ध मरीज को आधे घंटे में जांच रिपोर्ट मिल रही थी। बाद में केस न मिलने से मशीन को बंद कर रख दिया गया था। हालांकि इससे टीबी मरीजों की जांच भी हो सकती थी। स्टाफ की कमी होने से संचालन नहीं किया जा रहा था। अब फिर से इसका संचालन होने जा रहा है।
अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने निर्देश जारी किए हैं कि अधिक से अधिक सैंपलिंग कराई जाए। खांसी, बुखार और सांस लेने में दिक्कत पर 24 घंटे में कोविड जांच कराई जाए। इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटरों को दोबारा सक्रिय किया जाए। कोविड टीकाकरण अधिक अधिक किया जाए।
सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि फिलहाल अभी भर्ती करने जैसा कोई आदेश नहीं है। अगर किसी मरीज में जुकाम, बुखार और खांसी के लक्षण मिलते हैं तो उसकी जांच कराकर होम आईसोलेट किया जाएगा। कोविड की दोनों डोज लगने से इम्यूनिटी लोगों की बरकरार है। गंभीर मरीज मिलने पर वह जिस स्तर का होगा, कोविड एलवन या एलटू उसमें भर्ती कराया जाएगा।
उन्नाव। कोरोना संक्रमण फिर फैलने की आशंका पर जिला अस्पताल में छह से बंद पड़ी ट्रूनेट जांच फिर से 26 दिसंबर से शुरू कराने का फैसला लिया गया है। हालांकि जिला अस्पताल में अभी न तो सामाजिक दूरी और न ही मास्क का प्रयोग हो रहा है।
कोरोना की पहली लहर आने के बाद जिला अस्पताल में जांच के लिए ट्रूनेट मशीन लगाई गई थी। बुखार पीड़ित संदिग्ध मरीज को आधे घंटे में जांच रिपोर्ट मिल रही थी। बाद में केस न मिलने से मशीन को बंद कर रख दिया गया था। हालांकि इससे टीबी मरीजों की जांच भी हो सकती थी। स्टाफ की कमी होने से संचालन नहीं किया जा रहा था। अब फिर से इसका संचालन होने जा रहा है।
अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने निर्देश जारी किए हैं कि अधिक से अधिक सैंपलिंग कराई जाए। खांसी, बुखार और सांस लेने में दिक्कत पर 24 घंटे में कोविड जांच कराई जाए। इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटरों को दोबारा सक्रिय किया जाए। कोविड टीकाकरण अधिक अधिक किया जाए।
सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि फिलहाल अभी भर्ती करने जैसा कोई आदेश नहीं है। अगर किसी मरीज में जुकाम, बुखार और खांसी के लक्षण मिलते हैं तो उसकी जांच कराकर होम आईसोलेट किया जाएगा। कोविड की दोनों डोज लगने से इम्यूनिटी लोगों की बरकरार है। गंभीर मरीज मिलने पर वह जिस स्तर का होगा, कोविड एलवन या एलटू उसमें भर्ती कराया जाएगा।
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