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उन्वाव। कार सवार छह लोगों में से केवल विनोद और उसके भाई अशोक का निमंत्रण था। महादेव, मिथुन, मनीष और विजय कार में बैठकर घूमने के लिए साथ गए थे। परिजनों ने बताया कि उन्होंने जाने से मना भी किया था, लेकिन सभी बिना बताए निकल गए।
इकलौता बेटा था मनीष
हादसे का शिकार हुआ मनीष गांव में ही पिता गुड्डू के साथ खेती करता था। चार बहनों का अकेला भाई होने के साथ माता-पिता की बुढ़ापे की लाठी था। किसी भी बहन की अभी शादी नहीं हुई है। बेटे की मौत से मां सुमेरकली और अन्य परिजन बेहाल हैं।
दो महीने पहले अमृतसर से आया था विजय
हादसे का शिकार हुआ विजय अमृतसर में बिजली के पंखों की रिपेयरिंग का काम करता था। दो महीने पहले ही वह घर आया था। एक सप्ताह बाद उसे फिर जाना था। वह तीन भाई-बहनों में दूसरे नंबर का था। बेटे की मौत से मां सताना और अन्य परिजन बेहाल हैं।
खेती कर परिवार का करता था पालन पोषण
हादसे का शिकार हुए विनोद खेती कर परिवार का पालन पोषण करते थे। वह तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। पत्नी जालादेवी के साथ दो बेटे व एक बेटी है। बड़े बेटे की मौत और छोटे अशोक के घायल होने से मां नन्हकई कई सहित अन्य परिजन बेहाल हैं।
चार ग्रामसभा व 91 मजरों की बिजली 13 घंटे रही गुल
मौरावां-गुरूबक्सगंज मार्ग पर तेज रफ्तार कार की टक्कर से पोल और तार टूटने से चार ग्रामसभाओं के साथ 91 मजरों की बिजली करीब 13 घंटे गुल रही। सुबह बिजली विभाग के कर्मचारियों ने पोल और तार की मरम्मत शुरू की और दोपहर 1:45 बजे बिजली आपूर्ति बहाल हो पाई। इससे ग्राम सभा मवई उसके 38 मजरे, ग्राम सभा गुलरिहा उसके 42 मजरे, ग्रामसभा खानपुर उसके सात मजरे और ग्रामसभा नरीचक उसके चार मजरों की बिजली 13 घंटे तक गुल रही।
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