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उन्नाव। शहर की सफाई व्यवस्था ध्वस्त है। शहरवासी गंदगी और कूड़े के ढेर जलाए जाने से परेशान हैं। ऐसी बदहाली तब है जब सरकार स्वच्छता को लेकर बेहद संवेदनशील है। शहर से रोजाना 45 टन कूड़ा निकलता है। पालिका कर्मी कचरे को हाईवे और अन्य मार्गों के किनारे फेंक रहे हैं। मंजूरी के सालभर बाद भी कूड़ा निस्तारण केंद्र नहीं बन पाया। तीन साल पहले 4.50 करोड़ से तैयार हुआ एफएसटीपी (फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट) का सोल सिस्टम चालू होने से पहले ही खराब हो गया है।
काफी तलाश के बाद बक्खाखेड़ा के पास कूड़ा डंपिंग यार्ड के लिए पांच बीघा जमीन मिल पाई। जमीन मिलने के बाद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने 6.72 करोड़ लागत से 65 टीपीडी (टन प्रति दिन) क्षमता का निस्तारण केंद्र बनाने की मंजूरी दी थी। लेकिन यह अब तक नहीं बन पाया। नतीजतन नगर पालिका लखनऊ-कानपुर हाईवे, उन्नाव-हदोई मार्ग, उन्नाव-रायबरेली हाईवे सहित अन्य मार्गों के किनारे कूड़ा डंप कर रहा है। निस्तारण के नाम पर उसे आग लगाकर जलाया जा रहा है।
जलनिगम ने अमृत योजना (अटल मिशन फॉर रिजूवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफार्मेशन) के तहत 4. 50 करोड़ की लागत से एफएसटीपी (फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट) बनाया है। दो साल पहले बनकर तैयार हुए इस प्लांट से शहर के 60 हजार मकानों में बने सीवर टैंक या सोख्ता पिट की सुरक्षित सफाई की सुविधा मिलने की उम्मीद थी। लेकिन पहले नगर पालिका इसके संचालन की जिम्मेदारी लेने से हाथ खींचे रहा। इसके बाद सौर ऊर्जा आधारित इस प्लांट का सोलर सिस्टम खराब हो गया। इससे प्लांट अनुपयोगी साबित हो रहा है। 11700 वर्ग मीटर में बने इस अत्याधुनिक प्लांट का निर्माण अगस्त 2020 में पूरा हुआ था।
शहर में हर दिन 48 टन कूड़ा निकलता है और हाल यह है कि सफाई कर्मी 20 से 22 टन कूड़ा ही शहर से बाहर सड़कों के किनारे फेकते हैं। बाकी कूड़ा गली-मोहल्लों में ही डंप रह जाता है।
स्वच्छ भारत मिशन के जिला प्रबंधक अभिषेक राय ने बताया कि कूड़ा निस्तारण केंद्र का काम कर रही निर्माण एजेंसी ने बीच में कुछ दिन सुस्त काम किया। उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट दी इसके बाद काम शुरू किया है। बताया कि टिनशेड लगाने का काम चल रहा है। कुछ बिल्डिंग भी बन गई है।
नगर पालिका के जलकल प्रभारी अनिल शर्मा ने बताया कि सोलर स्सिटम की बैटरी खराब होने से एफएसटीपी के संचालन में दिक्कतें आई हैं। जल्द ही पूरी क्षमता से संचालन शुरू कराया जाएग। नगर पालिका के अलावा निजी क्षेत्र के सीवर टैंक सफाई करने वालों को भी इसी प्लांट में स्लज निस्तारित करने के लिए कहा गया है।
उन्नाव। शहर की सफाई व्यवस्था ध्वस्त है। शहरवासी गंदगी और कूड़े के ढेर जलाए जाने से परेशान हैं। ऐसी बदहाली तब है जब सरकार स्वच्छता को लेकर बेहद संवेदनशील है। शहर से रोजाना 45 टन कूड़ा निकलता है। पालिका कर्मी कचरे को हाईवे और अन्य मार्गों के किनारे फेंक रहे हैं। मंजूरी के सालभर बाद भी कूड़ा निस्तारण केंद्र नहीं बन पाया। तीन साल पहले 4.50 करोड़ से तैयार हुआ एफएसटीपी (फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट) का सोल सिस्टम चालू होने से पहले ही खराब हो गया है।
काफी तलाश के बाद बक्खाखेड़ा के पास कूड़ा डंपिंग यार्ड के लिए पांच बीघा जमीन मिल पाई। जमीन मिलने के बाद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने 6.72 करोड़ लागत से 65 टीपीडी (टन प्रति दिन) क्षमता का निस्तारण केंद्र बनाने की मंजूरी दी थी। लेकिन यह अब तक नहीं बन पाया। नतीजतन नगर पालिका लखनऊ-कानपुर हाईवे, उन्नाव-हदोई मार्ग, उन्नाव-रायबरेली हाईवे सहित अन्य मार्गों के किनारे कूड़ा डंप कर रहा है। निस्तारण के नाम पर उसे आग लगाकर जलाया जा रहा है।
जलनिगम ने अमृत योजना (अटल मिशन फॉर रिजूवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफार्मेशन) के तहत 4. 50 करोड़ की लागत से एफएसटीपी (फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट) बनाया है। दो साल पहले बनकर तैयार हुए इस प्लांट से शहर के 60 हजार मकानों में बने सीवर टैंक या सोख्ता पिट की सुरक्षित सफाई की सुविधा मिलने की उम्मीद थी। लेकिन पहले नगर पालिका इसके संचालन की जिम्मेदारी लेने से हाथ खींचे रहा। इसके बाद सौर ऊर्जा आधारित इस प्लांट का सोलर सिस्टम खराब हो गया। इससे प्लांट अनुपयोगी साबित हो रहा है। 11700 वर्ग मीटर में बने इस अत्याधुनिक प्लांट का निर्माण अगस्त 2020 में पूरा हुआ था।
शहर में हर दिन 48 टन कूड़ा निकलता है और हाल यह है कि सफाई कर्मी 20 से 22 टन कूड़ा ही शहर से बाहर सड़कों के किनारे फेकते हैं। बाकी कूड़ा गली-मोहल्लों में ही डंप रह जाता है।
स्वच्छ भारत मिशन के जिला प्रबंधक अभिषेक राय ने बताया कि कूड़ा निस्तारण केंद्र का काम कर रही निर्माण एजेंसी ने बीच में कुछ दिन सुस्त काम किया। उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट दी इसके बाद काम शुरू किया है। बताया कि टिनशेड लगाने का काम चल रहा है। कुछ बिल्डिंग भी बन गई है।
नगर पालिका के जलकल प्रभारी अनिल शर्मा ने बताया कि सोलर स्सिटम की बैटरी खराब होने से एफएसटीपी के संचालन में दिक्कतें आई हैं। जल्द ही पूरी क्षमता से संचालन शुरू कराया जाएग। नगर पालिका के अलावा निजी क्षेत्र के सीवर टैंक सफाई करने वालों को भी इसी प्लांट में स्लज निस्तारित करने के लिए कहा गया है।
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