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श्रमिक छुन्नू का फाइल फोटो। संवाद
– फोटो : UNNAO
सोनिक। दही चौकी औद्योगिक क्षेत्र स्थित स्लाटर हाउस में बुधवार देर शाम ईटीपी के टैंक की सफाई के दौरान दो श्रमिकों की हुई मौत मामले में गुरुवार को परिजनों ने हंगामा किया। पुलिस पर फैक्टरी प्रबंधन का साथ देने का आरोप भी लगाया। कहा कि बिना शव दिखाए पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिए।
गुरुवार दोपहर तक देखने भी नहीं दिया गया। एक मृतक के पिता की तहरीर पर फैक्टरी के जीएम, ठेकेदार और सुपरवाइजर के खिलाफ लापरवाही बरतने से मौत की रिपोर्ट दर्ज की। गुरुवार सुबह परिजन मुआवजे की मांग को लेकर अड़ गए।
दोपहर एक बजे तक पंचनामा पर हस्ताक्षर नहीं किए। फैक्टरी प्रबंधन ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को नौकरी और अंतिम संस्कार के लिए 50-50 हजार रुपये देने पर राजी हुए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डूबने से मौत की पुष्टि हुई है।
शहर के इब्राहिमबाग निवासी छुन्नू (26) और पुरवा कोतवाली के बेहटा नथई गांव निवासी राहुल राजपूत (25) बुधवार को दही थानाक्षेत्र के औद्योगिक क्षेत्र साइड नंबर एक स्थित स्लाटर हाउस रुस्तम फूड्स में ईटीपी के बीस फिट गहरे टैंक की सफाई के दौरान जहरीली गैस से बेहोश होकर पानी में डूबकर मौत हो गई थी।
परिजनों ने पुलिस पर फैक्टरी प्रबंधन से मिलीभगत का आरोप लगाया। कहा कि शव बिना दिखाए पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिए। गुरुवार दोपहर तक उन्हें नहीं दिखाए गए। रात में पुलिस सुलह-समझौते का दबाव बनाती रही, लेकिन मामला नहीं बना और मृतक छुन्नू के पिता कन्हैयालाल की तहरीर पर फैक्टरी के जीएम तनवीर, ठेकेदार प्रदीप और सुपरवाइजर मनीष के खिलाफ उनके द्वारा लापरवाही बरतने के कारण मौत होने की रिपोर्ट दर्ज की।
सुबह करीब 11 बजे सदर विधायक पंकज गुप्ता पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और फैक्टरी प्रबंधन से उचित मुआवजा देने के लिए फोन पर बात की। बाद में सीओ सिटी आशुतोष कुमार फैक्टरी पहुंचे और मृतक राहुल की मां उमा देवी, प्रधान के साथ पहुंची। चार लाख मुआवजा देने पर समझौता हुआ। फिर वह पोस्टमार्टम हाउस पहुंची और परिजनों से बात के बाद पंचायतनामा पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया।
छुन्नू के पिता कन्हैलाल से भी बात की। दोनों पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा और उमा को अंतिम संस्कार के लिए 50 हजार रुपये दिए गए। मृतक छुन्नू की दो बहनों काजल और कोमल के नाम 2.50-2.50 लाख रुपये की एफडी और अंतिम संस्कार के लिए 50 हजार रुपये दिए। साथ ही मृतक के बड़े भाई राजेंद्र को नौकरी देने का लिखित समझौता हुआ। एसओ राघवेंद्र सिंह ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज की गई है। मुआवजे की राशि से परिजनों के संतुष्ट होने के बाद ही शवों का पोस्टमार्टम कराया गया है।
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