Unnao News: सड़क हादसे में महिला ग्राम प्रधान की मौत, बेटी ने लगाया हत्या का आरोप

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असोहा। खेत जा रहीं ग्राम प्रधान कमला देवी को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। लखनऊ ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद देर शाम शव गांव पहुंचा तो बेटी ने मां की हत्या किए जाने की बात कहते हुए अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया। ग्राम प्रधान की गांव के ही एक परिवार से जमीन का विवाद होने की बात बताई। तनाव को देखते हुए पुरवा सीओ और तीन थानों की फोर्स पहुंची। परिजन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही शव का अंतिम संस्कार करने की बात पर अड़े रहे।

ग्राम पंचायत कंचनपुर की ग्राम प्रधान कमला देवी (50) शुक्रवार सुबह लगभग छह बजे घर से पैदल खेत जा रही थीं। मौरावां-मोहनलालगंज मार्ग पर संदौली पुलिया के पास उनको अज्ञात वाहन टक्कर मारते हुए निकल गया। इससे कमला गंभीर रूप से घायल हो गईं। राहगीरों की सूचना परिजनों ने उन्हें लखनऊ ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। लखनऊ में ही पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। देर शाम शव गांव लाया गया तो मृतका की बेटी नीलू ने मां की हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए शव का अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया। पुलिस को बताया कि पड़ोसी से जमीन का विवाद चल रहा था। सीओ संतोष सिंह पहुंचे और तनाव को देखते हुए पुरवा और मौरावां थाने से भी फोर्स बुलवाई। परिजन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही शव की अंत्येष्टि करने की बात पर अड़े थे। कमला की मौत से पति कृष्ण कुमार, बेटा धीरज, नीरज और बेटियों में पूनम, नीलम व नीलू सहित पूरे परिवार का बुराहाल है। एसओ सुरेश सिंह ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए शव का अंतिम संस्कार करने से इन्कार किया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

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हादसे का शिकार हुईं कमला देवी सबसे पहले क्षेत्र पंचायत सदस्य हुईं। फिर साल 2005 में पहली बार ग्राम प्रधान बनीं। उसके बाद वर्ष 2021 में पंचायत चुनाव में दोबारा ग्राम प्रधान बनीं। दोबारा प्रधान बनने के बाद कमला विवादों में भी रहीं। कभी स्कूल के शिक्षकों से विवाद तो कभी पंचायत सचिव से अभद्रता की। इसकी शिकायत डीएम तक पहुंची थी।

मृतक ग्राम प्रधान नीलू देवी ने तहरीर देकर कहा है कि शुक्रवार सुबह करीब 4:30 बजे मां खेतों की ओर टहलने जा रही थी। तभी मलिहागाड़ा मोड़ के सामने वह बेहोशी अवस्था में पड़ी मिली। कपड़े अस्तव्यस्त थे। गांव के ही कृष्णचंद्र ने देखा और अपने ई रिक्शा से कालूखेड़ा स्थित एक अस्पताल लाए। स्थिति गंभीर होने से लखनऊ ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। वहां मौत हो गई। घटनास्थल के पास रहने वाले संदीप और छोटेलाल ने बताया कि घटना के समय एक लोडर वहां खड़ा था। उसमें दो लोग थे। लेकिन पहुंचने से पहले ही वह लोडर लेकर भाग निकले। यह हत्या की सजिश लग रही है।

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