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लखनऊ-कानपुर हाइवे पर हादसे के बाद लगा जाम। संवाद
– फोटो : UNNAO
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उन्नाव। लखनऊ-कानपुर हाईवे पर हादसे में तीन लोगों की मौत के बाद आड़े-तिरछे खड़े वाहनों से दोनों तरफ जाम की स्थिति हो गई। दोनों लाइनों में 10 किलोमीटर तक वाहनों की लंबी लाइन लग गई। नौ घंटे यातायात प्रभावित रहा। पुरवा मार्ग और रायबरेली हाईवे पर ट्रैफिक डायवर्जन किया गया।
खराब डीसीएम में ट्रक की टक्कर इतनी तेज लगी कि वह डिवाइडर पार करते हुए दूसरी लेन में एक शिक्षण संस्थान की बाउंड्रीवाल में घुस गया। क्षतिग्रस्त ट्रक बीच सड़क पर आड़ा-तिरछा होने और डंपर में आग लगने से हाईवे पर दोनों तरफ का यातायात ठप हो गया। सीओ हसनगंज और कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। तीन घंटे बाद क्षतिग्रस्त वाहनों को हटवाया। पुरवा मार्ग व रायबरेली हाईवे पर ट्रैफिक डायवर्जन किया गया। सुबह पांच से दोपहर दो बजे तक नौ घंटे यातायात रेंगता रहा।
वाहन चालकों के पहले निकलने की होड़ के चलते चमरौली और अजगैन थाने के पास जाम लग गया। यातायात प्रभारी अरविंद पांडेय ने पुरवा और रायरबरेली मार्ग से ट्रैफिक डायवर्जन किया। इस पर सुबह 10 बजे कुछ राहत मिली और हाईवे पर यातायात रेंगना शुरू हुआ। दोपहर बाद दो बजे तक जाम के हालात बने रहे।
एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना ने निर्देश दिए हैं कि हाईवे पर गश्त कर वाहनों को किनारे कराएं। जिन होटल, ढाबों व अन्य प्रतिष्ठानों के सामने वाहन सड़क घेरकर खड़े होते हैं, उन्हें नोटिस दें और फिर भी सुधार न हो तो कार्रवाई करें।
सड़क हादसे में मृत डंपर चालक बलबीर और सतीश की एक साथ मौत से परिवार में कोहराम मच गया। चचेरे भाई हृदयेश ने बताया कि दोनों भाइयों पर परिवार की जिम्मेदारी थी। वाहन चलाकर ही परिवार का पालन पोषण करते थे। मृतक सतीश कुशवाहा की पत्नी रानी, बच्चों उमेश, नंदनी और कल्लो का रो-रोकर बुरा हाल रहा। बलबीर की पत्नी राधा, बेटी राखी, बेटा धर्मेंद्र और रामजी हैं। मां गायत्री और पिता कालीचरण बेहाल रहे। डीसीएम चालक पप्पू सिंह की मौत से बेटा संजय बेहाल है। उसने बताया कि दो साल पहले मां महेश्वरी की बीमारी से मौत हो गई थी। पिता ही हमारी देखभाल कर रहे थे। एक बहन मंजू है। उसका विवाह हो चुका है।
डंपर की आग बुझाते ही दोनों भाइयों के बचने की उम्मीद से कोतवाल वीके मिश्र और सिपाही अर्पित चौधरी ने आनन- फानन दोनों को निकालने का प्रयास किया। हालांकि तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
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उन्नाव। लखनऊ-कानपुर हाईवे पर हादसे में तीन लोगों की मौत के बाद आड़े-तिरछे खड़े वाहनों से दोनों तरफ जाम की स्थिति हो गई। दोनों लाइनों में 10 किलोमीटर तक वाहनों की लंबी लाइन लग गई। नौ घंटे यातायात प्रभावित रहा। पुरवा मार्ग और रायबरेली हाईवे पर ट्रैफिक डायवर्जन किया गया।
खराब डीसीएम में ट्रक की टक्कर इतनी तेज लगी कि वह डिवाइडर पार करते हुए दूसरी लेन में एक शिक्षण संस्थान की बाउंड्रीवाल में घुस गया। क्षतिग्रस्त ट्रक बीच सड़क पर आड़ा-तिरछा होने और डंपर में आग लगने से हाईवे पर दोनों तरफ का यातायात ठप हो गया। सीओ हसनगंज और कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। तीन घंटे बाद क्षतिग्रस्त वाहनों को हटवाया। पुरवा मार्ग व रायबरेली हाईवे पर ट्रैफिक डायवर्जन किया गया। सुबह पांच से दोपहर दो बजे तक नौ घंटे यातायात रेंगता रहा।
वाहन चालकों के पहले निकलने की होड़ के चलते चमरौली और अजगैन थाने के पास जाम लग गया। यातायात प्रभारी अरविंद पांडेय ने पुरवा और रायरबरेली मार्ग से ट्रैफिक डायवर्जन किया। इस पर सुबह 10 बजे कुछ राहत मिली और हाईवे पर यातायात रेंगना शुरू हुआ। दोपहर बाद दो बजे तक जाम के हालात बने रहे।
एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना ने निर्देश दिए हैं कि हाईवे पर गश्त कर वाहनों को किनारे कराएं। जिन होटल, ढाबों व अन्य प्रतिष्ठानों के सामने वाहन सड़क घेरकर खड़े होते हैं, उन्हें नोटिस दें और फिर भी सुधार न हो तो कार्रवाई करें।
सड़क हादसे में मृत डंपर चालक बलबीर और सतीश की एक साथ मौत से परिवार में कोहराम मच गया। चचेरे भाई हृदयेश ने बताया कि दोनों भाइयों पर परिवार की जिम्मेदारी थी। वाहन चलाकर ही परिवार का पालन पोषण करते थे। मृतक सतीश कुशवाहा की पत्नी रानी, बच्चों उमेश, नंदनी और कल्लो का रो-रोकर बुरा हाल रहा। बलबीर की पत्नी राधा, बेटी राखी, बेटा धर्मेंद्र और रामजी हैं। मां गायत्री और पिता कालीचरण बेहाल रहे। डीसीएम चालक पप्पू सिंह की मौत से बेटा संजय बेहाल है। उसने बताया कि दो साल पहले मां महेश्वरी की बीमारी से मौत हो गई थी। पिता ही हमारी देखभाल कर रहे थे। एक बहन मंजू है। उसका विवाह हो चुका है।
डंपर की आग बुझाते ही दोनों भाइयों के बचने की उम्मीद से कोतवाल वीके मिश्र और सिपाही अर्पित चौधरी ने आनन- फानन दोनों को निकालने का प्रयास किया। हालांकि तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
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