up assembly election 2022 : बेटा केशव मौर्य बनाम बहू पल्लवी पटेल की जंग में चढ़ा सिराथू का सियासी पारा

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सार

सिराथू डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का गृह नगर है। इसी सीट से वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में वह पहली मर्तबा जीतकर सदन पहुंचे थे। 2014 के चुनाव में सपा की आंधी चल रही थी, इसके बावजूद केशव ने यहां से जीत दर्ज की। डिप्टी सीएम चुनावी रैली में हमेशा कहते हैं कि वह सिराथू के लिए नेता नहीं, बल्कि बेटा हैं।

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सिराथू विधानसभा क्षेत्र से डिप्टी सीएम व भाजपा प्रत्याशी केशव प्रसाद मौर्य के सामने सपा ने अपना दल (कमेरावादी) की कार्यकारी अध्यक्ष पल्लवी पटेल को सियासी रण में उतार कर चुनाव को रोमांचक बना दिया है। बसपा ने भी नामांकन के अंतिम दिन पहले से घोषित प्रत्याशी संतोष त्रिपाठी की जगह मुस्लिम मतों को पाले में करने के लिए मुंसब अली उस्मानी को टिकट दे दिया।

सिराथू विधानसभा क्षेत्र का समीकरण अब बेटा बनाम बहू के इर्द-गिर्द बनता-बिगड़ता नजर आ रहा है। हालांकि, भाजपा और सपा दोनों दल जातिगत मतदाताओं की संख्या के आधार पर अपनी जीत पक्की मान रहे हैं। वहीं, बसपा प्रत्याशी भी पार्टी के कॉडर व अल्पसंख्यक मतों को एकजुट कर खुद की जीत का दावा कर रहे हैं।

केशव ने 2014 में सपा लहर में सिराथू से दर्ज की थी जीत
सिराथू डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का गृह नगर है। इसी सीट से वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में वह पहली मर्तबा जीतकर सदन पहुंचे थे। 2014 के चुनाव में सपा की आंधी चल रही थी, इसके बावजूद केशव ने यहां से जीत दर्ज की। डिप्टी सीएम चुनावी रैली में हमेशा कहते हैं कि वह सिराथू के लिए नेता नहीं, बल्कि बेटा हैं। केशव के इस दावे पर वर्ष 2014 के चुनाव में जनता ने अपनी मुहर भी लगाई।

इस बार फिर से केशव प्रसाद मौर्य सिराथू से भाजपा के प्रत्याशी हैं। सपा ने यहां से अपना दल कमेरावादी गठबंधन की प्रत्याशी पल्लवी पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है। पल्लवी की ससुराल सदर विधान सभा के कोरीपुर गांव में है। पल्लवी खुद को जिले की बहू बताते हुए लगातार केशव प्रसाद पर सियासी हमले कर रही हैं।

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पल्लवी खुद को बहू बताकर मांग रहीं वोट
पल्लवी नामांकन के बाद से लगातार क्षेत्र में सक्रिय हैं और जनता के बीच जाकर खुद को बहू बताते हुए वोट मांग रहीं हैं। वहीं बसपा ने भी इस सीट पर नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के ठीक एक दिन पहले प्रत्याशी बदल दिया। यहां पहले से घोषित प्रत्याशी संतोष त्रिपाठी के स्थान पर विधानसभा क्षेत्र के ही परास गांव निवासी मुंसब अली उस्मानी को टिकट दिया गया है।

मुंसब जिला पंचायत सदस्य हैं। इस लिहाज से तीनों बड़े दल के प्रत्याशी जिले के ही हैं। फिलहाल, राजनीति के जानकारों का कहना है कि सिराथू सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले के समीकरण बन रहे हैं। अब देखना है कि कौन से दल का प्रत्याशी दलित, पिछड़ों के अलावा अल्पसंख्यक मतों को अपने पाले में खींचने में कामयाब हो पाता है।

सिराथू विधान सभा में वोटरों की अनुमानित संख्या
सिराथू विधानसभा के जातिगत आंकड़े

पासी-60 हजार
मुस्लिम-50 हजार
पटेल-30 हजार
एससी-28 हजार
मौर्या-28 हजार
यादव-22 हजार
ब्राह्मण-25 हजार
पाल-18 हजार
वैश्य-30 हजार
धोबी-10 हजार
कोरी-08 हजार
प्रजापति-08 हजार
अन्य जातियां-60 हजार

सिराथू सीट पर मतदाताओं पर एक नजर

पुरुष मतदाता-2,01,791
महिला मतदाता-1,79,035
अन्य- 12
कुल मतदताता-3,80,838

विस्तार

सिराथू विधानसभा क्षेत्र से डिप्टी सीएम व भाजपा प्रत्याशी केशव प्रसाद मौर्य के सामने सपा ने अपना दल (कमेरावादी) की कार्यकारी अध्यक्ष पल्लवी पटेल को सियासी रण में उतार कर चुनाव को रोमांचक बना दिया है। बसपा ने भी नामांकन के अंतिम दिन पहले से घोषित प्रत्याशी संतोष त्रिपाठी की जगह मुस्लिम मतों को पाले में करने के लिए मुंसब अली उस्मानी को टिकट दे दिया।

सिराथू विधानसभा क्षेत्र का समीकरण अब बेटा बनाम बहू के इर्द-गिर्द बनता-बिगड़ता नजर आ रहा है। हालांकि, भाजपा और सपा दोनों दल जातिगत मतदाताओं की संख्या के आधार पर अपनी जीत पक्की मान रहे हैं। वहीं, बसपा प्रत्याशी भी पार्टी के कॉडर व अल्पसंख्यक मतों को एकजुट कर खुद की जीत का दावा कर रहे हैं।

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